
योगेश राजपूत, बुदनी। बीना से इटारसी की तीसरी रेल लाइन का काम अंतिम चरण में है। यह 237 किमी लंबी है तीसरी रेल लाइन है। जिसका 14 किमी का हिस्सा बुदनी के जंगल से गुजरता है जिसमें रातापानी का कुछ हिस्सा भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में बाघों के साथ तेंदुए और अन्य जानवर विचरण करते हैं। बीते तीन साल में इस क्षेत्र में रेल से कटकर 5 से ज्यादा विडालवंशी की मौत हो चुकी है। जिसमें दो बाघ और तीन तेंदुए शामिल हैं। इन विडालवंशीयों की मौत से यह स्पष्ट होता है कि यहां इनकी मौजूदगी रहती है, लेकन निर्मण कार्य के शोर और इंसान की मौजूदगी इन जानवरों को परेशान कर रही है। हाल ही में एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें एक बाघ बैठा है जिसका वीडियो बनाया जा रहा है और शोर भी किया जा रहा है ऐसी स्थिति में बाघ के हिंसक होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां जिस तरह से दिन रात काम चल रहा है उससे जानवरों के हिंसक होने की संभावना बढ़ जाती है। बुदनी के जंगलों में 30 से ज्यादा बाघ विचरण करते हैं। इसके साथ ही 50 से ज्यादा तेदुएं भी है। बाघों की यह संख्या जंगल के समद्ध होने की पुष्टी कराती है। इतने बाघ होने से स्पष्ट होता है कि यहां अन्य जंगली जानवर भी पर्याप्त हैं। इन सभी जानवरों के लिए इन दिनों बड़ी परेशानी बनी हुई है। बीना-इटारसी रेलवे लाइन। यहां हजारों की संख्या में मजदूर काम कर रहे हैं और सैंकड़ों वाहनों की आवाजाही रहती है। नियमानुसार यहां दिन के समय ही काम किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने इन्हें 24 घंटे काम करने की अनुमति दे दी है। जिससे लगातार शोर होता रहता है। रात के समय शोर होने से जानवरों को ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे में जानवर ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं और वे मानव बस्ती की तरफ आ रहे हैं। लगातार ऐसी घटनाएं हो रही है। हजारों एकड़ के जंगल में पर्याप्त शिकार होने के बाद भी बाघ जंगल से बाहर आ रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो की माने तो रातापानी अभयारण्य से गुजरने वाली रेल लाइनों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन बढ़ रहे यातायात के अलावा जंगलों में ताबड़तोड़ ढंग से निर्माण के कामों के चलते ऐसी स्थिति बन रही है।
एक माह में तीन बार बाघ का सामना इंसान से
रातापानी अभयारण्य से सटे हुए सीहोर जिले के वन परीक्षेत्र बुदनी के तहत बीते एक माह में तीन घटनाएं हुई जिसमें बाघ और इंसान का आमना सामना हुआ। हाल ही में वन क्षेत्र में आने वाले डूंगरिया गांव में एक बार फिर बाघ के हमले से अपने खेत की रखवाली कर रही महिला की मौत हो गई। इससे पहले सुअर का शिकार करते समय एक निजी पुराने कुएं में गिर जाने से बाघ की मौत हो गई थी। इसके बाद 22 फरवरी को भी क्षेत्र के कुछ लोगों ने बाघ का वीडियों बनाया और वायरल किया है। कहा ये भी जा रहा है कि बाघ का वीडियो बनाने वाले लोग इसी रेलवे लाइन का काम करने वाले मजदूर और कर्मचारी हैं।
रात में भी होता है काम
तीसरी रेल लाइन के निर्माण ने भूगोल ही बदल दिया। इटारसी भोपाल रेल खंड के बीच मिडघाट पर तीसरी रेल लाइन के विस्तार का काम जोरों पर है। इसके लिए बाकायदा केंद्र सरकार से अनुमति भी ली गई है। पहाड़ को मशीनों द्वारा काटकर करीब छह सुरंग बनाई जा रही है। इसके लिए जंगल भी काटे गए और ब्लास्टिंग कर पत्थर भी तोड़े गए सैकड़ों पोकलेन मशीन, बुलडोजर, डंपर रेलवे लाइन के निर्माण में इस्तेमाल किए जा रहे हैं और तो और कई जनरेटर सेट भी काम में लिए जा रहे हैं जंगलों में रात के समय भी रोशनी रहती है। जिससे जानवरों को परेशानी होती है।
जंगल के क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहा है। इस दौरान यह विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं जानवरों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही। दिशा निर्देश का पालन भी किया जा रहा है या नहीं।
- शिवपाल पिपरादे, रेंजर
