सीहोर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। बड़िखेड़ी स्थित लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल ने अल्पसंख्यक मदरसा की तरह पढ़ाने की मान्यता ले रखी है, वहीं दूसरी मान्यता सीबीएसई की है, जिससे पालक लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं। क्योंकि इस स्कूल में शासन के नियमों को दरकिनार कर संचालन किया जा रहा है। साथ ही पालकों से मोटी फीस वसूलकर लाभ कमाया जा रहा है। हालत यह है कि इसमें आरटीई को दरकिनार किया गया है। जबकि स्कूल में पढ़ाई सीबीएसई की कराते हैं और नियमों को संचालन अल्पसंख्यक के आधार पर किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार सीहोर के बड़िखेड़ी में लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल, इछावर और नसरुल्लागंज के देवमाता हायर सेकंडरी स्कूल ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था अयोग नई दिल्ली से मान्यता ले रखी है, लेकिन बहुसंख्यक बच्चों को अध्यापन करा रहे हैं। जबकि समुदाय विशेष की शिक्षा या पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इतना ही नहीं लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल की मान्यता पर लिखा हुआ है कि भाषा, धर्म के आधार पर शिक्षण संस्था का मदरसा की तरह संचालन करना है। यदि नियमों के अनुसार स्कूल का संचालन किया जा रहा है, तो आरटीई का बंधन नहीं होता है, लेकिन लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल में संचालन सीबीएसई की मान्यता पर किया जा रहा है। खास बात यह है कि जब हर साल आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया होती है, तो सीबीएसई की जगह अल्पसंख्यक की मान्यता का हवाला देकर आरटीई के बच्चों को प्रवेश देने से मना कर दिया जाता है। इतना सब होने के बाद भी शिक्षा विभाग ऐसी संस्थाओं से न तो नियमों का पालन कराया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। जबकि किसी भी दस्तावेज में यही कारण है कि स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों और पढ़ने वाले बच्चों के पालकों को लगातार आर्थिक शोषण किया जा रहा है।
निजी स्कूल होने के बाद भी नहीं है सूची चस्पा
शासन के आदेशानुसार निजी स्कूलों के डेस बोर्ड में जानकारी चस्पा करनी है, जिसमे पाठ्यक्रम, स्कूल फीस, ड्रेस, मान्यता प्रमाण पत्र, शिक्षकों की योग्यता सूची, विद्यार्थियों की संख्या सहित अन्य दस्तावेज की जानकारी चस्पा होनी चाहिए, जिससे बच्चों के पालकों को शासन की योजनाओं व नियमों की जानकारी मिल सके, लेकिन बड़िखेड़ी स्थित लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल नियमों की अनदेखी कर डेस बोर्ड पर जानकारी चस्पा करने में मनमानी कर रहा है।
लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल में इस साल आरटीई के तहत कोई प्रवेश नहीं दिया गया है। क्योंकि हमारे स्कूल की राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था अयोग की मान्यता है। हालांकि पूर्व में आरटीई के तहत प्रवेश दिया गया है। रही बात नियमों की तो हमारी संस्था के नियम शासन के नियमों से अलग होते हैं।
अनुपमा सिस्टर, प्राचार्य लूर्द माता
लूर्द माता कॉवेंट हायर सेकंडरी स्कूल सीबीएसई आधार पर चल रहा है, उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था अयोग से भी मान्यता ले रखी होगी, जिसमें आरटीई सहित अन्य निमय के लिए बाध्य नहीं होना पड़ता है। फिर भी मैं पूरे मामले की जांच करा लेता हूं कि किस आधार पर और क्या नियमों से साथ शैक्षणिक संस्था का संचालन किया जा रहा है।
एसपीएस बिसेन, डीईओ सीहोर