बिलकिसगंज। क्षेत्र के तहत स्थित वन ग्राम खामखेड़ा में इन दिनों पुनः वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते सागौन तस्करों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। जिसके चलते इन तस्करों के हौंसले इतनी बुलंदी पर हैं कि एक ही समय में इन तस्करों ने सैंकड़ों पेड़ों को काट कर जंगलों में सरेआम ढेर लगा दिया हैं और तो और इन सागौन तस्करों को वन विभाग का जरा भी भय नहीं रह गया है, पर इस पूरे खेल में वन विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जब इतनी बड़ी संख्या में सागौन की कटाई हो रही थी तब वन विभाग क्यों नहीं जागा। इस पूरे मामले में विभाग के नाकेदार व चौकीदारों की भूमिका संदिग्ध है, पर विभाग के आला अधिकारी इस मामले में जांच कराने के नाम पर पल्ला झाड़ लेते हैं।
उल्लेखनीय है कि वन ग्राम खामखेड़ा में बेशकीमती सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई कर तस्करी करने व वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। इस पूरे मामले में वन विभाग की भूमिका इस लिए भी संदेह के घेरे में आ जाती है क्योकि जब बड़ी संख्या में कीमती सागौन के पेड़ों की कटाई होती है और उन्हे एक जगह एकत्रित कर गाड़ी में भरा जाता है। इस की खबर वन विभाग तक क्यों नहीं पहुंच पाती। दूसरी अगर सागौन तस्कर खामखेड़ा से बिल्किसगंज होकर अन्य शहरों तक लकड़ी भेजते है इस बीच में वन विभाग के आधा दर्जन चेक पोस्ट भी पड़ते हैं। जिन्हे पार करना इन सागौन तस्करों के लिए असंभव है। इन्ही कारणों के चलते विभाग की भूमिका शंका के घेरे में आती है। एसडीओ राजेश शर्मा ने बताया कि मैं पूरे मामले को स्वयं दिखवाता हूं, अगर ऐसा है तो में जांच करा कर दोषी पाए गए कर्मचारी पर कार्रवाई करूगा।