आष्टा (नवदुनिया न्यूज)। भू-अधिकार ऋण पुस्तिका आनलाइन करने की तैयारी चल रही है। भू-अभिलेख विभाग के अनुसार अगले महीने प्रदेश स्तर पर इसे लागू किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश स्तर पर साफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा है। भू-अधिकार ऋण पुस्तिका आनलाइन होने से कोई भी भू-स्वामी किसी भी स्थान से कितनी भी बार ऋण पुस्तिका आनलाइन डाउनलोड कर सकेगा। इसके लिए उसे तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक या पटवारी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इससे लाखों खातेदार किसान परिवारों को सुविधा होगी।
प्रदेश सरकार किसानों को ज्यादा से ज्यादा आनलाइन सुविधा देना चाहती है, ताकि उन्हें कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पड़े और अधिकारियों के भरोसे न रहना पड़े। इसके लिए पहले ही विभाग खसरा-खतोनी और नक्शा आनलाइन कर चुका है। जिसे वह स्वयं या किसी भी कियोस्क सेंटर से निर्धारित शुल्क जमा करवाकर प्राप्त कर सकता है। जबकि भू-अधिकार ऋण पुस्तिका अभी आनलाइन नहीं है और इसे प्राप्त करने के लिए उसे लोक सेवा केंद्र में 30 रुपये देकर आवेदन करना होता है। 30 दिन में पटवारी व तहसीलदार इसे जारी करते हैं। लेकिन अब भू-अधिकार ऋण पुस्तिका आनलाइन की जा रही है। ये व्यवस्था मप्र भू-अभिलेख विभाग करने जा रहा है। इसके लिए साफ्टवेयर डेवलप कराया जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार पिछले दिनों वीसी के दौरान वरिष्ठ कार्यालयों से इस बारे में बताया भी गया है। इसमें खास बात यह है कि ऋण पुस्तिका और खसरा में कोर्ट में आपराधिक प्रकरणों से दी जाने वाली जमानत का उल्लेख भी होगा। इसमें कोर्ट ऋण पुस्तिका व खसरे पर आनलाइन एंट्री कर सकेंगे, ताकि जमीन के सौदे के वक्त खरीदार को इसकी जानकारी हो। यह नई व्यवस्था अगले महीने तक लागू हो करने की तैयारी है, हालांकि इसे लेकर अब तक अधिकारियों को वीसी में चर्चा के दौरान बताया गया है, ताकि जब व्यवस्था लागू हो तो दस्तावेज में किसी प्रकार की कमी न रहे।
यह जानकारी होती है
एक पट्टा (भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका) का एक निर्धारित क्रमांक होता है। जिसे ऋण पुस्तिका क्रमांक कहते हैं। इस पुस्तिका के अंदर कई पेज होते हैं। ऋण पुस्तिका में एक या कई किसानों का नाम एवं उनका उस भूमि में हिस्सा लिखा होता है व संबंधित किसान की फोटो लगी होती है। इसमें भूमि का विवरण, बटान, उस पर लिए गए कर्ज व चुकाए गए कर्ज की जानकारी होती है।
अभी सिर्फ खसरा-खतौनी और नक्शा ही ऑनलाइन मिलता है
प्रदेश में वर्तमान में जमीन की खसरा-खतौनी और नक्शा आनलाइन उपलब्ध है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इन दस्तावेजों के आने से किसानों व आमजन को सहूलियत हुई है। नक्शा देखने या खसरा निकलवाने के लिए लोगों को तहसील या पटवारी के चक्कर नहीं लगाना पड़ते है, लेकिन यदि भू अधिकार ऋण पुस्तिका चाहिए तो बिना पटवारी-राजस्व निरीक्षक से मिले संभव नहीं है। इस कारण भू-अभिलेख विभाग इसे भी डिजिटल करने जा रहा है, ताकि किसान को किसी भी काम के लिए पटवारी पर सीधे निर्भर न रहना पड़े।
भू-अधिकार ऋण पुस्तिका का भी आनलाइन करने की तैयारी की जा रही है। इसे अगले महीने लागू किया जा सकता है। विगत दिनों वीसी में इसे लेकर बताया था, लेकिन अभी इस संबंध में विभाग को पत्र नहीं मिला है। इस व्यवस्था के लागू होने से किसानों को सुविधा होगी।
रघुवीर सिंह मरावी, तहसीलदार आष्टा