
अखलेश गुप्ता, नवदुनिया सीहोर। पार्वती–कालीसिंध–चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत श्यामपुर और सीहोर तहसील में दो वृहद सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इन दोनों योजनाओं से कुल 111 गांवों को प्रत्यक्ष रूप से सिंचाई का लाभ मिलेगा जबकि लगभग 20 गांव परियोजना क्षेत्र में प्रभावित होंगे, जिनके लिए नियमानुसार पुनर्वास और मुआवजा प्रावधान किए जाएंगे।
निर्माण के लिए दिल्ली से आई टीम परीक्षण के लिए मृदा के सेंपल ले जा चुकी है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से सीहोर विधानसभा क्षेत्र के हर किसान के खेत तक पार्वती नदी का पानी पहुंचेगा। इससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा, किसानों की आय में वृद्धि होगी और क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।
जानकारी के अनुसार पार्वती नदी पर ग्राम कराडिया भील एवं श्यामपुर के समीप दो बड़े बैराज श्यामपुर बैराज और करारिया बैराज का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही ग्राम जेटला में एक बड़े बांध का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें पार्वती नदी से पानी उठाकर भरा जाएगा।
इन संरचनाओं के माध्यम से सीहोर विधानसभा क्षेत्र की लगभग 1 लाख, 18 हजार, 750 एकड़ कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह सीहोर विधानसभा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सिंचाई स्वीकृति मानी जा रही है।
पहली योजना के तहत “जेठला वृहद माइक्रो सिंचाई परियोजना” को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना से श्यामपुर तहसील के 71 गांवों की लगभग 72 हजार, 500 एकड़ भूमि को आधुनिक स्प्रिंकलर (प्रेशराइज्ड इरिगेशन) प्रणाली के माध्यम से सिंचित किया जाएगा।
इस योजना की कुल लागत 1349.51 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। परियोजना की विशेषता यह है कि प्रत्येक हेक्टेयर भूमि के लिए अलग-अलग जल कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे, जिससे किसान अपनी आवश्यकता अनुसार आसानी से पानी खेतों तक पहुंचा सकेंगे। इससे जल की बचत होगी और फसलों के उत्पादन में वृद्धि होगी।
“पार्वती उद्वहन सिंचाई कॉम्प्लेक्स” के अंतर्गत ग्राम करिया और श्यामपुर में पार्वती नदी पर दो वृहद बैराजों का निर्माण किया जाएगा। इन बैराजों में पानी रोककर श्यामपुर क्षेत्र के 40 गांवों की लगभग 46 हजार 250 एकड़ भूमि को स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचित किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1165.04 करोड़ रुपये है।
पाटन, बरखेडा खरेट, चौकी, शाहजहापुर, भौज, बरखेडी, कतपोन, सोनकच्छ, सतपोन, जमुनियाखुर्द, बराडीकलां, सतोरनिया, तोरनिया, छापरी दोराहा, झागरिया, निवारिया, मिटटूखेडी, गुलखेडी, कादमपुर, मुख्तार नगर, कादराबाद, सरखेडा, खण्डवा, धोबीखेडी, खजुरियाकला, खजुरियाखुर्द, जाजनखेडी, नौनीखेडी काजी, करंजखेडा, निपानियाखुर्द, निपानियाकलां, मगरखेडा, रामपलासी, कचनारिया, सिराडी, बराडीकलां, धनखेडी, खुशामदा, झरखेडा, मुंजखेडा कुल 40 गांवों को जेठला परियोजना से सिंचाई का पानी मिलेगा।
दुर्गा, महुआखेडा, मगरदीखुर्द, चांदबड जांगीर, मानपुरा, बिसनखेडा, रावतखेडा, छतरपुरा, जेटला, पाटेर, अछारोही, सोकला, सीलखेडा, मुंगावली,जुगराजपुरा, बाजारगांव, बरखेडा हसन, पडालिया, कोलूखेडी, पथरिया, मोतीपुराकलां, भेरूपुरा, महती, चरनाल, गुंडी, फंदा, हीरापुर, मझेडा, सुआखेडी, बासिया, गवा, सात्तनवारी, लोधीपुरा, उमरझिरी, काकूखेडी, अरनिया, सुल्तानपुर, पीलूखेडी, पडियाला, बैरागढ़ छतरी, छतरी, पीपलखेडा, हसनपुर तिनोनिया, बनखेडा, अहमदपुर, अमजद नगर, नाइहेडी, देहरी, बदरकासिनी, दौलतपुरा, हतियाखेडी, इमलियाभोज, मंडखेडा, हिनोती, खाईखेडा, बरखेडा देवा, कसारखेडी, सोठी, बैरागढ खुमान, हिगोनी, बर्री, बमुलिया दौराहा, घाटपलासी, रावनखेडा, पानविहार, श्यामपुर, टप्पर बिछिया, बिछिया भाटपुरा, चैनपुरा, सिंकंदरगंज और इमलिया हसन कुल 71 गांवों को जेठला परियोजना से सिंचाई का पानी मिलेगा।
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जेठालाल बैराज से सात गांव सीलखेडा, मुंगावली, जेठाला, पटेरा, लोदीपुरा, कुशलपुरा, मगरधा शामिल है।
पर्वती कॉम्पलेक्स पर श्यामपुर बैराज से आठ गांव कदराबाद, सरखेडा, खंडवा, धोबीखेड़ी, देवली, कपूरी, मूडलाकला, कराडिया भील प्रभावित हो सकते है।
करारिया बैराज से 10 गांव कराडियाभील, मैनीखेड़ी, छापरीखुर्द, रोलूखेड़ी, मुंडा, मनाखेड़ा, कचनारिया, सेमली कला, लसूडियाखास, कहरी कदीम गांव प्रभावित हो सकते हैं।
यह मेरा सौभाग्य है कि मेरी विधानसभा के 111 गांव के किसानों के खेत में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए मुझे दो बैराज व एक बांध की स्वीकृति मिली है। इसके धरातल पर उतरते ही निश्चित तौर पर कृषि उत्पादन बढ़ेगा, किसानों की आय में वृद्धि होगी और क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास होगा।
-सुदेश राय, विधायक सीहोर
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत श्यामपुर और सीहोर तहसील में दो वृहद सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इसके निर्माण से 111 गांव को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। अभी डूब में कितने गांव आ रहे है, उनकी स्थिति फरवरी माह तक स्पष्ट होगी। हालांकि दिल्ली से आई टीम मृदा परीक्षण के लिए सेंपल लेकर गई है।
-शुभम अग्रवाल, ईई जल संसाधन विभाग सीहोर