Sehore News: सीहोर (नवदुनिया प्रतिनिधि)।बोरवेल में गिरी ग्राम मुंगावली निवासी ढाई साल की मासूम बच्ची सृष्टि पिता राहुल कुशवाहा 6 जून को निकालने के लिए प्रयास जारी हैं। बैरागढ़ ईएमआइ सेना के जवानों द्वारा सृष्टि को निकालने के लिए किए जा रहे रेस्क्यू को सफलता मिलने वाली ही थी और 90 फीट ऊपर तक आने के बाद दस फीट की एक राड और निकलना शेष थी कि हुक से मासूम फिर छूट गई। पता चला है कि हुक में केवल बच्चे की ड्रेस ही बाहर आई थी।
सृष्टि को निकलता देख एंबुलेस बोरवेल के पास लगा ली गई थी और जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ली गई थी। सेना ने चारों तरफ से एंबुलेंस को घेर लिया था, लेकिन अंतिम समय पर हुक से निकलने के कारण एक बार फिर सेना ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है।
अभियान को 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ में बोर के समानांतर 32 फीट गड्ढा खोद लिया है, जिसमें 12 फीट से अधिक मजबूत पत्थर को बमुश्किल काटा जा सका है। इसमें समय भी अधिक लगा, वहीं एक तकनीकी समस्या भी सामने आइ है। पहले जहां सृष्टि 25 फीट पर नजर आ रही थी, वहीं सुबह होते-होते 50 व उसके बाद 100 फीट तक खिसक गई।
ऐसे में जिला प्रशासन ने सेना की मदद मांगी, जिसके बाद बैरागढ़ ईएमआइ के 20 से अधिक जवान ग्राम बड़ा मुगावली पहुंचे, जहां जिला प्रशासन व स्थानीय विधायक से चर्चा के बाद रेस्क्यू शुरू कर दिया है। खोदे गए गड्ढे में मजबूत पत्थर होने के कारण व सृष्टि के बोरवेल की ज्यादा गहराई में खिसकने के कारण अब सेना बोरवेल में राड में हुक लगाकर उसे निकालने का प्रयास कर रही है।
सृष्टि को सकुशल बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू किया गया । इससे पहले 24 घंटे बीतने के बाद भी बच्ची को नहीं निकाला जा सका था।
खोदे गए गड्ढे में मजबूत पत्थर होने के कारण व सृष्टि के बोरवेल की ज्यादा गहराई में खिसकने के कारण सेना ने बोरवेल में राड में हुक लगाकर उसे निकालने का प्रयास किया।
बुधवार को दूसरे दिन भी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने युद्ध स्तर पर सृष्टि को निकालने की कार्रवाई की। सृष्टि बोरवेल में लगभग करीब 100 फीट की गहराई में थी। जिला प्रशासन के सभी आला सर घटनास्थल पर मौजूद हैं।
बोरवेल के अंदर पाइप के जरिए आक्सीजन पहुंचाई गई। राहत एवं बचाव कार्य में 12 पोकलेन एवं बुलडोजर मशीनें निरंतर खोदाई का काम कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रेस्क्यू आपरेशन की पल-पल की जानकारी लेते रहे और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे। सेना के जवानों ने राड में हुक के जरिए सृष्टि को निकालने की कवायद की।
सृष्टि करीब 110 फीट की गहराई में फंसी थी। बुधवार सुबह 8 बजे तक करीब 30 फीट तक खोदाई की जा चुकी थी। पूरी रात रेस्क्यू चला, लेकिन 12 फीट के बाद पत्थर आना शुरू हुआ, जिससे खोदाई में अधिक समय लग गया है। मजबूत पत्थर को तोड़ने के लिए 6 पोकलेन लगी । इससे पहले जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी का कहना था कि बच्ची में मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है।
पत्थर तोड़ने में कंपन की वजह से नीचे खिसकी बच्ची
बोरवेल के समानांतर खोदाई करने वाले दल के सदस्यों का कहना है कि दरअसल, यहां 12 फीट के बाद मजबूत पत्थर आना शुरू हो गया था जिसको लगातार हाइड्रोलिक ब्रेकन, रॉक ड्रिल मशीन, पोकलेन मशीन के पत्थर तोड़ने पर निकालने से हुए कंपन के कारण बच्ची और नीचे खिसककर करीब 50 फीट और उसके बाद 100 फीट नीचे गहराई में पहुंच गई।
मां कंडे थोप रही थी, बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल में जा गिरी
मां रानी कंडे थोप रही थी और उसकी आंखों के सामने खेलते-खेलते हुए वह पड़ोसी गोपाल खेत में खुले पड़े बोर के पास जा पहुंची। कुछ देर बाद जब वह बोर के पास पड़ी बजरी से फिसलते दिखाई तो मां दौड़कर उसके पास पहुंची, लेकिन जब तक ढाई साल के बच्ची उसमें गिर चुकी थी।
जिसके बाद वह जोर-जोर से चिल्लाई तो लोग जुटे और घटना आग की तरह फैल गई। पुलिस व प्रशासनिक अमला बिना समय गवाए एनडीआरएफ के साथ मौके पर पहुंचा और तत्काल रेस्क्यू शुरू किया। चार बुलडोजर, तीन पोकलेन मशीन से खोदना शुरू किया, वहीं आक्सीजन पाइप बोर में डाला गया। बच्ची की सलामती के लिए हजारों लोग प्रार्थना करते रहे।
एक घंटे बाद पहुंचे अधिकारी
करीब एक घंटे बाद एसपी मयंक अवस्थी, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी, एडीएम ब्रजेश सक्सेना, एसडीएम अमना मिश्रा, मंडी, दोराहा, कोतवाली थाना प्रभारी मय अमले के पहुंचना शुरू हुआ। वहीं आसपास के गांव से सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। तत्काल रेस्क्यू शुरू किया गया, एक के बाद एक चाल बुलडोजर व तीन पोकलेन मशीन पहुंची और लंबा गड्ढा खोदना शुरू कर किया। करीब साढ़े चार बजे डीआइजी मोनिका शुक्ला व विधायक सुदेश राय, नपाध्यक्ष प्रिंस राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी पहुंचे, जहां सृष्टि के पिता राहुल से घटना की जानकारी लेते हुए उसे ढांढस बंधाया।
बड़े सिलेंडर से दी जा रही आक्सीजन
मौके पर दो एंबुलेंस सहित पांच से अधिक बड़े आक्सीजन के सिलेंडर पहुंचे, जिनसे बोर में लगातार आक्सीजन सप्लाइ पाइप के माध्यम से की गई, जिससे सृष्टि को सांस लेने में तकलीफ न हो।
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— NaiDunia (@Nai_Dunia) June 6, 2023
कैमरे में दिखा सिर्फ हाथ
बोर में गिरी बच्ची को देखने के लिए टार्च सहित कैमरे की मदद ली गई। डीआइजी व एसपी ने स्क्रीन पर बच्ची की गतिविधि देखने का प्रयास किया, लेकिन स्क्रीन पर सिर्फ हाथ ही दिखाई दिया।
दो घंटे में 20 फीट लंबा व दस फीट गहरा हुआ गड्ढा
तीन पोकलेन की मदद से जहां बोर के सामने गड्ढा करना शुरू किया तीन बजे से शुरू होकर पांच बजे तक 20 फीट लंबा व दस फीट गहरा गड्ढा किया, जिसके बाद मुरम आना शुरू हुई, वहीं 12 फीट गहराई पर पत्थर आ गया, जिसकी खोदाई के लिए हेमर व ब्रिक्स मशीन बुलाई गई।