सीहोर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। इस बार अगस्त माह में ही सामान्य से अधिक वर्षा हुई है, जिससे जिले सभी तालाब छलकना शुरू हो गए हैं। वहीं पेयजल सप्लाई करने वाले डेम भी ओवरफ्लो हो रहे हैं। शहर को पेयजल सप्लाई करने वाले भगवानपुरा, जमोनिया व काहरी में भी 100 प्रतिशत पानी आ चुका है, जिससे वेस्टवेयर चालू किए गए है। अब नपा व आमजन सहित किसानों ने पानी को सहेजा तो हर रोज नपा वर्षों बाद हर रोज पानी सप्लाई कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि 1995 से पहले नगर में पीएचई विभाग द्वारा पानी सप्लाई किया जाता था। इसके बाद यह जिम्मेदारी नगर पालिका को सौंप दी गई। इससे पहले कभी भी प्रतिदिन पानी की सप्लाई नहीं हो सकी। जबकि गर्मी से सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसको ध्यान में रखते हुए नगर पालिका ने जल सप्लाई को लेकर 45 किमी पाइप लाइन का शहर में जाल बिछाया है, जिससे लोगों के घर तक पानी पहुंच सके, लेकिन लाइन लीकेज, किसानों द्वारा पानी चोरी के कारण और अमजन द्वारा जल का अपव्यय करने से नियमित जलापूर्ति नहीं हो पाती है। यदि जिम्मेदारों ने ध्यान दिया, तो इस बार हुई वर्षा का पानी पूरे साल भर लोगों को सप्लाई हो सकता है। क्योंकि सामान्य वर्षा 1148.1 मिमी की जगह इस बार अभी एक माह शेष रहते हुए 1329.2 हो चुकी है। हालांकि इस मामले में नपा सीएमओ संदीप श्रीवास्त का कहना है कि नपा परिषद इसके लिए प्रस्ताव बना सकती है, लेकिन पानी को सहेजना बहुत जरूरी है।
ग्रामीण क्षेत्र में कई जगह तोड़नी पड़ी तालाब की पाल
जहां एक तरफ पानी ने जनजीवन प्रभावित किया है, वहीं इस बार हुई वर्षा ने छोटे-बड़े सभी तालाब फुल कर दिए है, जिससे कई जगह वेस्टवेयर खोलने पड़े तो कई जगह बिजोरी, बमुलिया आदि में तालाब की पाल से पानी निकासी गई। हालांकि इससे किसानों की फसल भी प्रभावित हुई है, लेकिन वर्षा से जमीन का जल स्तर भी बढ़ा है। जिससे साल भर बोर-कुए व ट्यूबवेल रीचार्ज होंगे।
30 से 35 मिनट मिल सकता है पानी
जानकारो की माने तो इस बार पर्याप्त पानी भगवानपुरा, जमोनिया व काहरी में आया है, जिससे शहर में हर रोज 30 से 35 मिनट पानी की सप्लाई हो सकती है। इसके लिए नपा को जहां पाइप लाइन के लीकेज व इसके दोहन पर नजर रखनी होगी, वहीं आमजन को नलो में टोटी सहित पानी का अपव्यय रोकना होगा।
लबालब हुए यह तालाब
सिंचाई विभाग के आकड़ों की माने तो भैरुंदा के घोघरा, अपर घोघरा, घोघरा फीडर, दोराहा, कालापीपल, झाल पीपली, चैनपुरा, गुरानी, रामदासी टैंक, बरखेड़ा, घेंघी, रूपड़ी रूपदेश, उमरखाल, मूंडला, हिम्मत पुरा, झरखेड़ा, कुंडीखाल, रामपुरा, लालिया खेड़ी, भाऊखेड़ी, अपर बोरदी, विनायक पुरा, बोरदी टैंक, कांकरखेड़़ा, पांगरा, हालियाखेड़ी, रसूल पुरा, मांझीखेड़ी, शिकारपुरा, श्यामपुर, बड़ा बयान, सलकनपुर, तालपुरा, खांडबड़, लोटिया, भगवान पुरा, रायपुरा, सतपोन टैंक, गवाखेड़ा, झरखेड़ा गुहा, बागेर सहित अष्टा के रामपुरा खुर्द, हर्षपुरा, छापर, मनीराम पुरा, बमूलिया भाटी, फूडरा, झीकड़ी टैंक, सिद्धीकगंज, भौरी, सीलखेड़ा में 100 फीसद पानी आने के बाद छलकना शुरू हो गया है।
रबी फसल को भी मिलेगा भरपूर पानी
पिछले वर्ष जलाशयों में पानी कम होने के कारण से किसानों को रबी की फसल के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया था, लेकिन इस बार अधिकांश जलाशय अभी से सौ फीसद भर चुके हैं और अभी एक महीने बरसात के बाकी है। इससे इस बार किसानों रबी की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। दूसरी ओर जलाशयों में पानी रहने के कारण से गर्मी के दिनों में भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति आसानी से हो सकेगी।