Kubereshwar Dham, Sehore 2025: कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजन अब श्रद्धा से अधिक अव्यवस्था के लिए चर्चा में हैं। उनके सबसे बड़े आयोजन स्थल कुबेरेश्वर धाम पर बार-बार हादसे हो रहे हैं। 5 अगस्त 2025 को कांवड़ यात्रा से ठीक पहले रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई। धक्का-मुक्की में दबकर दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई, कई घायल हो गए।
यह पहली बार नहीं है जब पंडित मिश्रा के आयोजन में अव्यवस्था देखने को मिली हो। बीते चार वर्षों के भीतर उनके आयोजनों में 6 श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक के घायल होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद आयोजन स्थल पर व्यवस्थाओं की गंभीर कमी बनी हुई है। इस घटना के बाद से मध्य प्रदेश के 'सीहोर वाले बाबा' (पंडित प्रदीप मिश्रा) एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जानिए कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा।
पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सीहोर मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने स्थानीय हाई स्कूल में पढ़ाई की है और वह ग्रेजुएट हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा के पिता का नाम पंडित रामेश्वर दयाल मिश्रा है। उनके दो भाई भी हैं, जिनके नाम दीपक मिश्रा और विनय मिश्रा हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा विवाहित व्यक्ति हैं। उन्होंने शहर के निजी स्कूलों में शिक्षक के पद पर कार्य किया। साथ ही उन्होंने लोगों के घरों में कर्मकांड पद्धति के तहत पूजा की। साथ ही उन्होंने कथा बांचने को काम किया। खास कर महिलाओं के व्रत और पूजा में कथा बाचते थे।
इसके साथ ही उन्होंने भागवत कथा का वाचन भी शुरू कर दिया। खास बात यह है कि भले ही पंडित प्रदीप मिश्रा शिव की अराधना की बात करते हों, पर वो खुद वैष्णव मत का समर्थन करते हैं। जिसका सबसे बड़ा प्रमाण उनके ललाट पर वैष्णव मत का तिलक है।
वे शिव महापुराण का वाचन करते हैं और टोटके बताते हैं। उनके टोटके विवाह, नौकरी, संतान और परीक्षा में सफल होने संबंधी होते हैं। इसके साथ ही कर्ज से मुक्ति और धनवान बनने को लेकर वो टोटके बताते हैं।
उनका दावा है कि जो टोटके वो बताते हैं वो पुराणों में लिखे हैं। इन्हीं टोटकों से उन्हें ख्याति मिली। जबकि कई विद्वान उसे खारिज करते हैं। साथ ही उन्होंने अपनी कथा में महिलाओं संबंधी सास-बहू, देवरानी-जेठानी, ननद-भोजाई और अन्य रिश्तों के किस्से कथा में शामिल किए जो महिलाओं को रोचक लगे।
2022 में कुबेरेश्वर धाम में उन्होंने रुद्राक्ष महोत्सव कराए, जिससे उनकी ख्याति बढ़ी और रुद्राक्ष के जप व धारण करने से बीमारी में लाभ से लेकर धनवान होने तक के उपाय उन्होंने बताए। इसके चलते लोग बड़ी संख्या में रुद्राक्ष लेने पहुंचे। लोग जाम में फंसे। अव्यवस्था के कारण लोगों को परेशानी हुई और अंत में आयोजन स्थगित हुआ। साथ ही आयोजन राजनीतिक हो गया और विवाद बढ़ गया। इसके बाद रायसेन की कथा, अशोकनगर की कथा और मंदसोर की कथा में विवादित बयान के कारण विरोध हुआ।
कुबेरेश्वर धाम पर लंबे समय से मंदिर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही गौशाला, भोजन शाला और अन्य आयोजनों के लिए लोगों से चंदा लिया जाता है । पं. प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम पर लगातार निर्माण कार्य हो रहे हैं। निर्माण कार्य के साथ ही मंदिर के विस्तार के लिए लगातार समिति जमीनों की खरीदी कर रही है इसके साथ ही बताया जाता है कि समिति के खाते में सोशल मीडिया के जरिए भी बड़ी कमाई आती है।