सिवनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई फोर व्हीलर कार शोरूम बिना ट्रेड लाइसेंस के संचालित हो रही हैं। आरटीओ विभाग के नियमों के मुताबिक किसी भी जिले में टूव्हीलर, फोर-व्हीलर, ट्रैक्टर व अन्य माल वाहक वाहनों की बिक्री के लिए संबंधित डीलर को जिले के परिवहन कार्यालय में पंजीयन कराकर वाहनों की बिक्री करने ट्रेड लायसेंस लेना अनिवार्य होता हैं। ट्रेड लाइसेंस के आधार पर डीलर को टीआरसी नंबर जारी किया जाता है। इसके बाद परिवहन विभाग द्वारा संबंधित वाहन का पंजीयन कर जिले के कोड अनुसार रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाता हैं। लेकिन जिला मुख्यालय में छिंदवाड़ा, जबलपुर व अन्य जिलों के फोर व्हीलर वाहन कंपनियों के डीलर बिना ट्रेड लायसेंस बुकिंग काउंडर संचालित कर रहे हैं।
वसूल रहे ज्यादा राशिः परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी होने के बावजूद सालों से चल रहे ऐसे बुकिंग काउंटर पर अब तक आरटीओ विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हैरानी की बात तो है कि आरटीओ रजिस्ट्रेशन में कार की शोरूम कीमत पर लगने वाले टैक्स की राशि से ज्यादा राशि ग्राहकों से वसूली जा रही हैं।वाहन की शो-रूम कीमत पर लगने वाले टैक्स और इंश्योरेंस की राशि जोड़कर बुकिंग काउंटर में ग्राहकों को वाहन की ओन रोड कीमत बता दी जाती है। चूंकि वाहन का रजिस्ट्रेशन डीलर के ट्रेड लायसेंस कोड से कराया जाता हैं इसलिए उपभोक्ता को इस बात का पता नहीं होता है कि उससे आरटीओ रजिस्ट्रेशन के नाम पर 10 से 15 हजार रुपये तक अतिरिक्त वसूल लिए गए हैं।यह खेल पूरे जिले में चल रहा हैं। खासकर फोर व्हीलर कंपनियों के शोरूम में यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही है, जिसे रोकने की बजाए परिवहन विभाग के अधिकारी यह कहकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं कि इस मामले में उपभोक्ताओं को जागरूक होने की जरूरत हैं।
केवल 54 पंजीकृत एजेंसी - ज्यारत नाका से लूघरवाड़ा तक दो दर्जन से ज्यादा बाइक, कार, ट्रैक्टर व माल वाहक वाहनों के कई शोरूम व बुकिंग काउंटर संचालित हो रहे हैं। वहीं शहर के अलग-अलग हिस्सों को मिलाकर इनकी संख्या 50 के आसपास होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में कई बाइक, कार व ट्रैक्टर शोरूम संचालित हो रहे हैं। जबकि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में मात्र 54 वाहन डीलर ही रजिस्टर्ड हैं।ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में बिना पंजीयन कई बुकिंग काउंटर नियमों का ताक में रखकर संचालित किए जा रहे हैं।
उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार- छिंदवाड़ा, जबलपुर व महानगरों के डीलरों ने जिले में बुकिंग काउंटर तो खोल लिए हैं, लेकिन ट्रेड लायसेंस अब तक आरटीओ विभाग से नहीं लिया हैं। इसका नुकसान वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को ही उठाना पड़ता हैं।अन्य जिलों से जारी टीआरसी नंबर की गाड़ी को सिवनी जिले में रजिस्ट्रर्ड कराने के लिए ग्राहकों से 6 से 8 हजार रूपये तक अतिरिक्त राशि वसूली जाती हैं।
शिकायतों का इंतजार, नहीं होती कार्रवाई- जानकारी के मुताबिक ज्यारत रोड स्थित एक नाम फोर-व्हीलर कंपनी के बुकिंग काउंटर से रजिस्ट्रेशन के नाम पर अतिरिक्त राशि वसूले जाने के मामले में उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई है, जिस पर आरटीओ विभाग ने संबंधित डीलर को नोटिस जारी कर कार्रवाई की औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं।परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि खरीददार द्वारा विभाग में संबंधित डीलर के खिलाफ ज्यादा राशि वसूलने की शिकायत की जाती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।सालों में किसी एक उपभोक्ता द्वारा किसी डीलर के खिलाफ शिकायत की जाती है। इसके चलते परिवहन विभाग तक गड़बड़ी की जानकारी नहीं पहुंच पाती।
इनका कहना है
किसी भी वाहन का विक्रय करने वाले डीलर को जिले के परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराकर ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना लायसेंस बाइक, कार, ट्रैक्टर अथवा माल वाहक वाहनों का व्यापार करना अवैध हैं। बिना ट्रेड लायसेंस चल रहे संबंधित बुकिंग काउंटर को सील करने सहित अन्य कार्रवाई करने प्रावधान हैं। एक कार शो-रूम डीलर को शिकायत पर नोटिस देकर जवाब मांगा गया हैं, बिना ट्रेड लायसेंस चल रहे बुकिंग काउंटर की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ से रजिस्टेशन फीस की रसीद जारी की जाती हैं, ऐसे में उपभोक्ता को देखना चाहिए की डीलर द्वारा रजिस्ट्रेशन पर कितनी राशि ली जा रही हैं।
देवेश बाथम, एआरटीओ सिवनी