सिवनी में राइस मिल एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष पर ईओडब्ल्यू ने कराई एफआईआर
साथ ही बालाघाट जिले की राइस मिल का 2859 क्विंटल चावल से भरा ट्रक मौके पर पाया गया। लगभग एक सप्ताह तक सभी दस्तावेजों का मिलान व छानबीन के बाद सरकारी धान की हेराफेरी प्रमाणित होने पर जबलपुर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने शकुन्तला देवी राइस मिल के मालिक आशीष आशु अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
Publish Date: Tue, 25 Mar 2025 06:49:14 PM (IST)
Updated Date: Tue, 25 Mar 2025 11:29:57 PM (IST)
छापे में चावल सैम्पल का गुणवत्ता परीक्षण करता अमला। फाइलHighLights
- शकुन्तलादेवी मिल भुरकलखापा में नहीं मिली 3184 क्विंटल सरकारी धान-चावल
- बालाघाट राइस मिल का 2859 क्विंटल और छह राज्यों से 2297 क्विंटल मिला।
- राइस मिल के मालिक आशीष आशु अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, सिवनी। मध्यप्रदेश राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष आशीष आशु अग्रवाल पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) जबलपुर ने भारतीय न्याय संहिता 2023 में धारा 316 (5) अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। शहर से लगभग सात किमी दूर भुरकलखापा शकुन्तलादेवी राइस मिल में शासकीय धान मिलिंग में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर के दल ने 19 मार्च को छापा मारा था। जबलपुर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के उपपुलिस अधीक्षक एव्ही सिंह ने बताया कि राइस मिल की जांच में वर्ष 2024-25 में मिलिंग हेतु राइस मिल को दी गई 3184 क्विंटल धान मौके पर कम पाया गया। जबकि 4594 बोरों में भरा 2297 क्विंटल चावल हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा राज्यों का जांच में मिला था।
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आठ जिलों में 145 लोगों पर 38 एफआईआर
- उपपुलिस अधीक्षक एव्ही सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में बीते विपणन सत्र के धान उपार्जन घोटाले में सिवनी समेत आठ जिलों की 38 समितियों, 145 व्यक्तियों पर 38 एफआईआर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की है।
- बालाघाट, सतना, सीधी, मैहर, डिंडोरी, सागर, पन्ना, सिवनी में धान उपार्जन में 50 हजार क्विंटल सरकारी धान की हेराफेरी जांच में पाई गई है।
- समितियों व स्वसहायता समूहों से जुड़े व्यक्तियों कार्रवाई के बाद ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष की राइस मिल छापा मारा था।
- कार्रवाई से कई जिलों के राइस मिल संचालकों में हड़कंप मच गया है। धान उपार्जन घोटाले में ईओडब्ल्यू की प्रदेशव्यापी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।