सिवनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। संसदीय क्षेत्र बालाघाट-सिवनी अंतर्गत सिवनी में बागरी जाति बहुतायत में निवास करती है। यह जाति मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति की श्रेणी के क्र. 2 में अनुसूचित जाति के अंतर्गत अधिसूचित है। उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा बागरी जाति को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए गए हैं।इसके बावजूद सिवनी जिला प्रशासन द्वारा इनके आवेदनों को लगातार निरस्त किया जा रहा है। यदि इन्हें शासन द्वारा अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जाना है तो इन्हें अनुसूचित जाति से पृथक किया जाए एवं इनके लिए आरक्षित निकायों और उसके वार्डों, पंचायतों अनारक्षित श्रेणी में रखा जाए, ताकि असमंजस की स्थिति समाप्त हो सके। ऐसे निर्देश मध्यप्रदेश शासन को जारी किया जाए।इस आशय की मांग लोकसभा के मानसून सत्र में शून्य काल दौरान बालाघाट-सिवनी सांसद डा. ढाल सिंह बिसेन ने आसंदी के समक्ष रखते हुए कहा कि, सिवनी सहित मध्यप्रदेश में निवास करने वाली बागरी जाति मप्र के अनुसूचित जाति की श्रेणी के क्र. 2 में अनुसूचित जाति अंतर्गत अधिसूचित है। संविधान के अनुच्छेद 341 के अंतर्गत राज्य में किसी भी जाति को अनुसूचित जाति के लिए अधिसूचित करने का अधिकार महामहिम राष्ट्रपति को है। इस अनुच्छेद अंतर्गत भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में बागरी जाति पूरे मप्र में अनुसूचित जाति के रूप में मान्य है। जिले को छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में इन्हें अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है।
डा. बिसेन ने आसंदी का ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के 8 अक्टूबर 2003 के जारी परिपत्र में मुख्य सचिव मप्र शासन को निर्देश दिए गए थे कि, मप्र राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति छानबीन समिति के निर्णय 12 मार्च 2003 व इस संदर्भ में जारी पत्र 14 जुलाई 2003 को तत्काल निरस्त करते हुए बागरी जाति को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी करें।आयोग के इस निर्देश पर 25 नवंबर 2004 को मप्र शासन के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा बागरी जाति को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र देने का निर्देश जारी किया गया। इस स्पष्ट निर्देश के बावजूद सिवनी जिले में प्रशासन द्वारा बागरी जाति द्वारा दिए गए आवेदनों पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है, जबकि जनगणना में बागरी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है।
सांसद डा. बिसेन ने मानसून सत्र के शून्य काल में आगे कहा कि, जनगणना में बागरी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कर स्थानीय निकायों के चुनावों में इन्हें अनुसूचित जाति का मानकर उस संख्या के आधार पर अनुसूचित जाति का आरक्षण किया जाता है। इस आधार पर ही बागरी जाति के लोग अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निकायों व पंचायती राज से संबंधित संस्थाओं से चुनाव लड़ते है और निर्वाचित होते है। ऐसी परिस्थिति के बावजूद इन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है जिससे भारी असमंजस की स्थिति निर्मित हो रही है। डा. बिसेन ने आसंदी से आग्रह किया कि वह मध्यप्रदेश शासन को निर्देश दे कि सिवनी जिले के बागरी जाति के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करें या फिर जनगणना में इन्हें अनुसूचित जाति से पृथक कर जनसंख्या के आधार पर निकायों व पंचायती राज चुनावों में अनुसूचित जाति के लिए वार्डों का निर्धारण करें।सांसद के निज सहायक ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में इस आशय की जानकारी दी है।
डीजल इंजन ट्रेन के संचालन से क्षेत्रवासियों को मिलेगा फायदा- संजय सिंह
सिवनी। रेलवे बोर्ड द्वारा फिलहाल छिंदवाड़ा-नैनपुर के बीच दो रेलगाड़ी का संचालन डीजल इंजन से करने की स्वीकृति के साथ टाइम टेबिल जारी कर दिया गया है।डीजल इंजन ट्रेन के संचालन से क्षेत्रवासियों को फायदा मिलेगा साथ ही आवागमन की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी।
नागपुर मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति सदस्य संजय सिंह ने रेलवे बोर्ड के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि, जिलेवासियों की मंशा के अनुरूप लगातार रेल सुविधाओं के लिए बालघाट सिवनी सांसद डा. ढाल सिंह बिसेन प्रयासरत है।सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि, सांसद डा. बिसेन ने रेलमंत्री व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से भेंट कर जारी टाइम टेबिल में संशोधन करने का आग्रह किया है ताकि सुबह पाली वाली ट्रेन करीब 9ः15 बजे तक छिंदवाड़ा पहुंचे जिससे भोपाल दिल्ली की ओर सफर करने वालों को पातालकोट एक्सप्रेस मिल सके। इसी तरह शाम की पाली वाली नैनपुर जाने वाली ट्रेन के पहुंचने का टाइम 4.45 बजे किया जाए ताकि वहां से जबलपुर के लिए छुटने वाली ट्रेन यात्रियों को मिल सके। सांसद ने डीआरएम नागपुर को इस आशय का सुझाव प्रेषित किया है साथ ही 3 अगस्त को होने वाली मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति नागपुर की बैठक में इसका सुझाव रखा जाएगा।