आदेगांव (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बारिश आते ही लखनादौन विकासखंड के आदेगांव में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 44 से करीब 4 किमी दूर बसे खूबी-जमकोना गांव में शेढ नदी पर बना रपटा कई हफ्तों तक बाढ़ के पानी में डूबा रहता है। उफनाती नदी को पार करने का कोई अन्य विकल्प नहीं होने के कारण आदेगांव से करीब 23 किमी दूर खूबी-जमकोना सहित लगभग 30 गांव के 15 हजार लोगों की मुसीबत बढ़ जाती है। आवागमन थम जाने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।हर साल बारिश आते ही ग्रामीणों के लिए शेढ नदी के रपटे को पार करना चिंता का विषय बन जाता है।इसके चलते गांव के कैद होकर रहना लोगों की मजबूरी बन जाती है।साल 2020 में भारी बारिश के दौरान पानी के तेज बहाव में रपटा के दोनों लगी रैलिंग भी बह चुकी है। इससे पुलिया पर खतरा और बढ़ गया है।उफनाते रपटे को पार करने के प्रयास में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। हालांकि क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक योगेंद्र सिंह के प्रयासों से नदी पर नया उच्च स्तरीय पुल बनाने और सड़क का निर्माण करने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों द्वारा सर्वे किया जा चुका है। जल्द ही नई सड़क और पुल को स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्याः ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा जैसी मूलभूत जरूरत के लिए करीब 30 किमी का फेरा लगाना पड़ता है। रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के साथ शिक्षा के लिए 20 किमी के दायरे में ग्रामीणों को निर्भर रहना पड़ता है।क्षेत्र के यमुना उइके, अर्जुन इनवाती, देवेंद्र उइके, बलराम धुर्वे, शारत लाल उइके, अशोक भलावी, संतोष, गनेश ताराम, रूपसिंह, रमेश उइके, अम्मो बाई व देवकी उइके ने बताया कि, रपटे के स्थान पर क्षेत्रवासी बीते कई सालों से शेढ नदी पर बड़ा पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं।शासन ने ग्रामीण जनों की मांग पर 2009-10 में प्रधानमंत्री ग्राम योजना की सड़क पर लगभग 65 लाख की लागत से 12-14 पुलिया डालकर रपटा का निर्माण कराया दिया था, जो हर साल बारिश के दिनों में कई गांव के ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है।
हल्की बारिश में डूब जाता है रपटाः ग्रामीणों ने बताया कि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की खूबी-जमकोना सड़क के बीच शेढ नदी पर बना रपटा थोडी सी बारिश में बाढ़ के पानी में डूब जाता है।इससे रहवासियों खासकर मरीजों, प्रसूति महिलाओं को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बीते साल पुलिया के ऊपर से बहते हुए पानी को पार करने की कोशिश में जमकोना गांव निवासी चंदरसिंह पुत्र कुदाली धुर्वे व खूबी के बुद्दूसिंह भलावी सहित अन्य लोगों की मौत हो चुकी है।कई बार तो मवेशी भी पानी के तेज बहाब में फंसकर बह चुके है।
तीन दशक से उठ रही मांग : खूबी-जमकोना से लगे दरगढ़ा पटी, रोहिया पटी, खापा, सिलवानी, रीछा, डुंगरिया चंडाल, धवई, लडैया टोला, सहित विभिन्ना गांव के ग्रामीण बताते है कि, पिछले तीन दशक से क्षेत्र के लोग शासन-प्रशासन से सभी ग्रामों में स्वास्थ्य, हाईस्कूल, रोजगार संबंधी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ शेढ नदी पर उच्चस्तरीय पुल बनाने की मांग लगातार करते आ रहे हैं।क्षेत्रीयजनों की इस मांग पर सिर्फ आश्वासन मिलता आ रहा है। समस्या का कोई समाधान लोगों को तीन दशक बाद भी शासन-प्रशासन नहीं दे पाया है।इससे विभिन्ना गांव के ग्रामीणों में नाराजगी है।
ये गांव होते हैं प्रभावितः खूबी, जमकोना, बरगडा, रोहिया पटी, पुरा, शेढ पिपरिया, खापा, सिलवानी, बटका, अंधियारी, कठौतिया, चंडालडुंगरिया, धवई सहित इससे जुड़े करीब तीस गांव के ग्रामीण बारिश में प्रभावित रहते हैं।पहाडी क्षेत्र के गांव में निवासरत ग्रामीणजनों का आवागमन बरसात के मौसम रपटे पर बाढ़ का पानी आने के कारण बाधित रहता है।क्षेत्रवासियों का कहना है कि, खूबी से बरगडा, बरेहटा-बेलखेडी होते हुए श्रीधाम (गोटेगांव) तक सुगमता से पहुंचा जा सकता है।इसी तरह बरगडा से चंडाल डुंगरिया, बम्हनी उमरिया के रास्ते श्रीनगर (गोटेगांव) तक पहुंचा जा सकता है।परंतु खूबी से बरगडा तक लगभग तीन किमी का रास्ता जर्जर है।इसके कारण ग्रामीण मार्ग से वहां नहीं पहुंच पाते।क्षेत्रवासियों ने तीन किमी के रास्ते को सुधारने की अपेक्षा शासन-प्रशासन से की है।
इनका कहना है
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों से खूबी-जमकोना के बीच शेढ नदी पर उच्च स्तरीय पुल बनाने पिछले साल सर्वे कराया गया था। सड़क व पुल में वन क्षेत्र की कुछ बाधाएं आ रही थी, जिन्हें दूर कर लिया गया है।सड़क और पुल की स्वीकृति के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।इस साल नये पुल और सड़क को स्वीकृति मिलने की संभावना है, ताकि ग्रामीणों की समस्या हल हो सकें।
योगेंद्र सिंह, विधायक
विस क्षेत्र लखनादौन-घंसौर