नईदुनिया प्रतिनिधि, सिवनी। हवाला मामले की चिंगारी से उठता धुआं जल्द बंद होता नहीं दिख रहा है। इस प्रकरण में संदिग्ध आचरण में एसडीओपी, टीआई सहित 11 पुलिस कर्मियों का अब तक निलंबन हो चुका है। वहीं मामले में उच्च स्तरीय अधिकारियों की निगरानी में चल रही जांच अभी पूरी नहीं हुआ है। हालांकि हवाला के 1.45 करोड़ रुपये बरामद होने के मामले में 11 अक्टूबर की देर रात लखनवाड़ा पुलिस थाना में तीन लोगों पर संगठित अपराध की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन 8-9 अक्टूबर की रात कार में फरियादी ने 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपये होने की बात कही थी, जो सही है या नहीं अब तक की जांच में यह बात खुलकर सामने नहीं आई है।
इधर जबलपुर एएसपी आयुष गुप्ता 10 अक्टूबर से जबलपुर आइजी के निर्देशन में प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने में लगे हैं। वहीं 13 अक्टूबर की सुबह सिवनी पुलिस कंट्रोल में जबलपुर आइजी प्रमोद वर्मा, छिंदवाड़ा डीईजी राकेश कुमार सिंह भी पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार पुलिस कप्तान, एएसपी सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम में प्रकरण पर जांच चल रही है। कहा जा रहा है कि शाम तक इस मामले में अभी तक हुई कार्रवाई की अधिकारिक जानकारी पुलिस अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक की जा सकती है।
महाराष्ट्र जालना के तीन आरोपित सोहन परमार, शेख मुख्तार व इरफान पठान पुलिस की गिरफ्त में है। साथ ही जिस गाड़ी में हवाला के रुपयों का अवैध परिवहन किया जा रहा था, उसे पहले ही पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। यह करोड़ों रुपये जुआ-सट्टा सहित अन्य आपराधिक कार्यों के होने का अंदेशा है। नागपुर गई पुलिस की एक टीम वापस लौट गई है जबकि दूसरी टीम के सतना में होने की बात कही जा रही है। हवाला रुपयों को इधर-उधर करने में शामिल अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
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लखनवाड़ा थान में दर्ज एफआईआर के अनुसार घटना की रात वाहन सफेद रंग की क्रेटा कार क्र. एमएच 13 ईके 3430 में इरफान पठान पुलबंडी जिला औरंगाबाद तथा शेख मुख्तार उज्जैन पुरी तहसील बदनापुर जिला जालना महाराष्ट्र निवासी सवार थे, जो कार्रवाई के दौरान मौके से फरार हो गए। जबकि पकड़ी गई रकम पर जालना के सोहन परमार ने अपना दावा करते हुए पुलिस पर रुपयों की लूटे करने संगीन आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। इसके बाद 1.45 करोड़ रुपये की रकम 9 अक्टूबर को सीएसपी पूजा पांडे व एसआई अर्पित भैरम ने प्रस्तुत की थी। मामले में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहा है। केवल जांच प्रचलित होने की बात कह रहा है।