घंसौर (नईदुनिया न्यूज)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन अंतर्गत आने वाले जबलपुर-गोंदिया रेल मार्ग पर स्थित घंसौर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का स्टापेज नहीं मिलने से घंसौरवासी विरोध पर उतर आए हैं। गुरूवार को रेल प्रशासन पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपकर15 दिवस का अल्टीमेटम दिया है। यदि स्टापेज की मांग पूरी नहीं हुई तो घंसौरवासी आंदोलन करने गके लिए मजबूर होंगे।
क्षेत्र के लोगों ने कहा कि रेल प्रशासन का पक्षपात पूर्ण रवैया जारी रहा तो 12 सितंबर को घंसौर में रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।
मुख्यालय में गुरूवार को कमानिया गेट में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के बाद बड़ी संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां जोनल मैनेजर रायपुर के नाम डीआरएम नागपुर के माध्यम से स्टेशन मास्टर घंसौर को हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा गया। सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है तहसील घंसौर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां आवागमन के लिए लोग रेल मार्ग पर ही निर्भर हैं। आदिवासी बाहुल्य यह क्षेत्र 100 किलोमीटर से अधिक परिधि तक विस्तृत है। इसमें दो तहसील व तीन विकासखंड क्षेत्र घंसौर, लखनादौन, धनोरा आते हैं। लगभग 400 से अधिक गांवों के बीच घंसौर एक मुख्य रेलवे स्टेशन है। पहले भी छोटी लाइन ट्रेन को घंसौर रेलवे स्टेशन से सर्वाधिक राजस्व प्राप्त होता था, क्योंकि इसी गरीब और पिछड़े क्षेत्र से विभिन्ना् प्रदेशों में मजदूर काम की तलाश में आवागमन करते हैं। वर्तमान में घंसौर से 7 किलोमीटर दूर 1260 मेगावाट आधारित विद्युत संयंत्र झाबुआ पावर लिमिटेड संचालित है जिस कारण से प्रतिदिन बड़ी संख्या में देश के विभिन्ना् प्रदेशों से लोगों का घंसौर आवागमन होता है। जबलपुर-गोंदिया रेल मार्ग पर घंसौर सिवनी जिले का एकमात्र अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। इस रेलमार्ग पर जबलपुर, मंडला, बालाघाट व गोंदिया के बाद सबसे अधिक यात्री टिकट का विक्रय स्टेशन घंसौर से होता है। जिसे रेलवे अपने गत वर्षों के रिकॉर्ड से प्राप्त कर सकता है। ट्रेनों को मप्र के जबलपुर, बालाघाट, मंडला जिले के स्टेशनों पर स्टॉपेज दिया गया है लेकिन सिवनी जिले के एकमात्र घंसौर स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं दिया गया। वर्तमान में चल रही रीवा - इतवारी (नागपुर) व गया-चेन्ना्ई दोनों ट्रेनों का 2 मिनट स्टापेज घंसौर स्टेशन पर आवश्यक रूप से दिया जाए। इसके अलावा जो पैसेंजर ट्रेन कोरोना काल के कारण बंद कर दी गई थी उन ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाए। यह मांग विगत माह फरवरी से लगातार उठाई जा रही है इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ज्ञापन में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि रेल प्रशासन आम जनमानस की इस अति आवश्यक मांग को आगामी 10 सितंबर तक पूर्ण नहीं करता है तो 12 सितंबर को समस्त घंसौर वासियों द्वारा मजबूर होकर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेल प्रशासन और शासन की होगी। इस आंदोलन को गैर राजनैतिक आंदोलन के तौर पर देखा जा रहा है।