Seoni News: हवाला मामले में संलिप्तता पर एक और प्रधान आरक्षक निलंबित, रुपये ले जाने वाले तीन पर देर रात हुई एफआईआर
1.45 करोड़ रुपये नकद जब्त होने के मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में लखनवाड़ा थाना पुलिस ने शनिवार देर रात प्रकरण दर्ज कर लिया है। हवाला का रुपया इधर-उधर करने के आरोप के सोहन परमार, इरफान पठान व शेख मुख्तियार पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपित कहां के रहने वाले हैं, रुपये किसका है और कहां से आया था।
Publish Date: Sat, 11 Oct 2025 09:59:40 PM (IST)
Updated Date: Sat, 11 Oct 2025 10:48:50 PM (IST)
भ्रष्टाचार करने वाली सस्पेंड एसडीओपी पूजा पांडेय।HighLights
- जबलपुर एएसपी ने स्वयं दर्ज किए बयान।
- 12 से अधिक निलंबित कर्मचारी आए थे।
- जल्द ही आईजी के पास पहुंचेगा प्रतिवेदन।
नईदुनिया प्रतिनिधि, सिवनी। हवाला के 3 करोड़ रुपये लूटने के आरोपों में घिरी खाकी बर्दी के मामले में नये-नये तथ्य सामने आ रहे है। वहीं पुलिस की छवि को धूमिल करने वाले पुलिस कर्मचारियों की पहचान करने में पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के नेतृत्व में ताबातोड़ तरीके से जांच की प्रक्रिया बीते 48 घंटों से चल रही है।
प्रारंभिक जांच में लखनादौन एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला के 8 अक्टूबर की रात सीलादेही में हुए घटनाक्रम में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने 11 अक्टूबर को प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है। निलंबित प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला का दो माह पहले एसडीओपी कार्यालय सिवनी से लखनादौन स्थानांतरण हुआ था।
संदिग्ध आचरण पर निलंबित प्रधान आरक्षक को पुलिस लाइन सिवनी अटैच किया गया है। हवाला लूट मामले में कुछ और लोगों के शामिल होने की चर्चाएं जोर पकड़ रही है। लेकिन पुलिस मामले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। सभी तथ्यों को जांचने-परखने के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।
1.45 करोड़ रुपये नकद जब्त होने के मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में लखनवाड़ा थाना पुलिस ने शनिवार देर रात प्रकरण दर्ज कर लिया है। हवाला का रुपया इधर-उधर करने के आरोप के सोहन परमार, इरफान पठान व शेख मुख्तियार पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपित कहां के रहने वाले हैं, रुपये किसका है और कहां से आया था, पुलिस इसकी जांच कर रही
कहा जा रहा है कि जल्द घटनाक्रम की जांच पूरी कर प्रतिवेदन जबलपुर आईजी प्रमोद वर्मा को प्रस्तुत किया जाएगा। आगामी एक-दो दिनों में प्रतिवेदन अधिकारियों तक पहुंच सकता है। सूत्रों के अनुसार हवाला की रकम लूटने के बाद प्रकरण को रफा-दफा करने सौदेबाजी का दौर भी चला। जानकारी के अनुसार हाईवे में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी जांच में खंगाले जा रहे हैं।
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पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल
- अगर जप्ती वैध थी, तो तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी गई?
- पूरी रकम 2.96 करोड़ में से केवल 1.45 करोड़ ही क्यों जमा की गई?
- बंडोल थाना प्रभारी अपने क्षेत्र से बाहर सीलादेही तक क्यों पहुँचे?
आईटी को करनी पड़ी कार्रवाई
- कथित हवाला कारोबारी सोहनलाल परमार ने वाहन में 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपये होने की बात कही थी। जबकि एसडीओपी व पुलिस कर्मचारियों के पास से 1.45 करोड़ रूपये मिले थे। कहा जा रहा है कि कारोबारी को कथित रूप से लौटाई गई रकम में 25 लाख 60 हजार रूपये कम पाए गए हैं।
- यह बड़ी रकम किसने गायब की यह भी पुलिस के लिए जांच विषय बना हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद पूरा सच सामने आ जाएगा।
- सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि 8-9 अक्टूबर की रात हुए इतने बड़े घटनाक्रम की भनक जिले के आला अधिकारियों तक समय रहते क्यों नहीं पहुंची और संबंधितों पर कार्रवाई करने अधिकारियों ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया।
- मामले डीईजी से आईजी तक पहुंचने पर जबलपुर आइजी प्रमोद वर्मा को संदिग्ध आचरण करने वाले 9 पुलिस कर्मचारियों को निलंबन आदेश जारी करना पड़ा। हालाकि पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता भोपाल में आयोजित बैठक में शामिल होने गए थे।
जबकि एएसपी दीपक मिश्रा एसपी का प्रभार संभाल रहे थे। वहीं आइजी के प्रतिवेदन पर सिवनी एसडीओपी पूजा पांडे का निलंबन आदेश राज्य के डीजीपी कैलाश मकवाना ने 10 अक्टूबर को जारी कर दिया। अब इस प्रकरण में निलंबित पुलिस कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। प्रकरण ने उड़ाई पुलिस अधिकारियों की नींद
इस पूरे घटनाक्रम ने आमजनों की सुरक्षा में तैनात जिम्मेदारों पुलिस अधिकारियों की बदनीयत से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। पुलिस द्वारा कथित लूट के आरोपों में जब्त 1.45 करोड़ रुपये की जांच करने 10 अक्टूबर को आयकर विभाग का दल जबलपुर से सिवनी पहुंचा था। 8-9 अक्टूबर की रात हवाला के करोड़ों रुपये के लूट संबंधी आरोपों ने जिले के पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।
एजेके थाना प्रभारी को मिला एसडीओपी का प्रभार
- जानकारी के अनुसार एसपी सुनील मेहता ने एसडीओपी का अतिरिक्त प्रभारी एजेके थाना प्रभारी को सौंप दिया है। हवाला के 3 करोड़ रुपये की लूट के आरोप में एसडीओपी कार्यालय के रीडर समेत लगभग पूरा स्टाफ निलंबित हो चुका है। जिस वाहन से रकम जब्त हुई वह कार कहां गई?
वाहन में कौन-कौन सवार थे? जैसे कई गंभीर सवाल एफआईआर दर्ज होने के बाद स्पष्ट हो सकेंगे। कार ड्राइवर व एक अन्य से कथित रूप से मारपीट की बात भी सूत्रों द्वारा कही जा रही है, जिसकी हकीकत जांच के बाद सामने आएगी।
संदिग्ध आचरण में उलझी एसडीओपी पूजा पांडे के अलावा बंडोल थाना प्रभारी व उपनिरीक्षक अर्पित भैरम, एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक माखन, रीडर रविंद्र उईके, प्रधान आरक्षक जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, आरक्षक चालक रितेश, गनमैन केदार व सदाफल, बंडोल के आरक्षक नीरज राजपूत तथा लखनादौन एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला को अब तक निलंबित किया जा चुका है। सभी बिन्दुओं पर गंभीरता से जांच की जा रही है। प्रकरण में एक प्रधान आरक्षक की संलिप्ता प्रथम दृष्टया जांच में पाए जाने पर उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण के संबंध में मिल रही अलग-अलग सूचनाओं पर भी जांच की जा रही है।
सुनील कुमार मेहता, पुलिस अधीक्षक सिवनी
हवाला कांड से पूरे प्रदेश में मचा हड़कंप: वर्दी में डील या डकैती ?
- सिवनी जिले में पुलिस पर हवाला की करोड़ों रुपये की रकम हड़पने के संगीन आरोपों ने पूरे पुलिस महकमे को हिला दिया है। यह मामला जिले के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा व विवादास्पद प्रकरण कहा जा रहा है। आरोपों के केंद्र में नगर पुलिस अधीक्षक पूजा पांडे व बंडोल थाना प्रभारी अर्पित भैरम हैं, जिन पर हवाला की रकम के कथित तौर पर हेराफेरी का आरोप लग रहा है।
- सूत्रों के अनुसार 8 व 9 अक्टूबर की दरम्यानी रात कटनी से नागपुर जा रही कार क्र. एमच 13 ईके 3430 को सिवनी नगर से लगे सीलादेही बायपास पर पुलिस ने रोका। कार में सोहन परमार नामक व्यक्ति सवार था, जो कथित रूप से लगभग 2.96 करोड़ की हवाला रकम लेकर जा रहा था।
- वाहन चेंकिंग के दौरान कि कार को सड़क से हटाकर जंगल के भीतर ले जाया। तलाशी में पुलिस कर्मचारियों को बड़ी रकम मिली। जिसे कब्जे में लेकर पुलिस कर्मियों ने 9 अक्टूबर सुबह तक विधिवत जब्ती नहीं बनाई ना ही वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई की जानकारी दी गई।
- गुरुवार सुबह कोतवाली शिकायत दर्ज कराने पहुंचे पीड़ितों को एसडीओपी कार्यालय बुलाकर प्रकरण को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया, जिसकी शिकायत जबलपुर व भोपाल के अधिकारियों तक पहुंचते ही विभाग में हड़कंप में मच गया। डीआईजी ने तुरंत एएसपी दीपक मिश्रा को जांच के लिए भेजा।
- इसी बीच खबर आई कि 1.45 करोड़ की रकम बोरी में बंद कर कोतवाली मालखाने में जमा कराई गई है, जिसे एसडीओपी पूजा पांडे व थाना प्रभारी अर्पित भैरम द्वारा प्रस्तुत किया गया था।