बालाघाट पुलिस कर्मियों से अभद्रता धक्का-मुक्की मामले में दो गिरफ्तार, लापता प्रधान आरक्षक सहित सात पर नामजद एफआईआर
18-19 अक्टूबर की रात हुई घटना पर बालाघाट के नवेगांव थाना प्रभारी व एसआईटी सदस्य अमित अग्रवाल की शिकायत पर सिवनी कोतवाली थाना पुलिस ने 27 अक्टूबर को शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए पुलिस बल से अभद्रता के मामले में लापता प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत समेत सात लोगों पर नामजद व 8-10 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है।
Publish Date: Mon, 27 Oct 2025 09:19:27 PM (IST)
Updated Date: Mon, 27 Oct 2025 09:29:24 PM (IST)
सिवनी थाना।HighLights
- नामजद एफआईआर फरार आरोपितों को सरगर्मी से तलाश रही पुलिस।
- वीडियो फुटेज से 8-10 अज्ञात आरोपितों की पहचान में जुटा पुलिस बल।
- बालाघाट पुलिस कर्मियों से अभद्रता धक्का-मुक्की मामले में दो गिरफ्तार।
नईदुनिया प्रतिनिधि, सिवनी। बालाघाट मालखान से लाखों रुपये के नकदी व जेवर गायब होने के संदिग्ध आरोपितों की छानबीन करते हुए सिवनी के भैरोगंज में प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत के घर पहुंची बालाघाट पुलिस के एसआईटी दल से धक्का-मुक्की व अभद्रता का सामना करना पड़ा था।
18-19 अक्टूबर की रात हुई घटना पर बालाघाट के नवेगांव थाना प्रभारी व एसआईटी सदस्य अमित अग्रवाल की शिकायत पर सिवनी कोतवाली थाना पुलिस ने 27 अक्टूबर को शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए पुलिस बल से अभद्रता के मामले में लापता प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत समेत सात लोगों पर नामजद व 8-10 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। वीडियो फुटेज से प्रकरण में शामिल अज्ञात लोगों की पहचान की जा रही है।
कोतवाली पुलिस ने प्रकरण में दो आरोपितों अखिलेश खेड़ीकर व ओमप्रकाश दुबे उर्फ मुन्ना भारद्वाज को सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। अन्य पांच फरार आरोपितों में प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत, ब्रजेश राजपूत, नरेंद्र उर्फ गुड्डू ठाकुर, कुलदीप ठाकुर व एक अन्य की तलाश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कोतवाली थाना प्रभारी किशोर वामनकर का 25 अक्टूबर को जबलपुर आईजी ने नरसिंहपुर स्थनांतरण कर दिया था, जिसके बाद 26 अक्टूबर को उन्हें कोतवाली के प्रभार से मुक्त कर दिया गया था। वर्तमान में एसआई दयाराम शरणागत कोतवाली का प्रभार संभाल रहे हैं।
नोटिस देने पहुंची थी बालाघाट एसआईटी
- पुलिस के अनुसार बालाघाट कोतवाली के मालखाने से लाखों रुपये नकद, जेवरात गायब होने के मामले में संदिग्ध आरोपित की तलाश में बालाघाट से सिवनी आए पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) 18-19 अक्टूबर की रात भैरोगंज में निवासरत प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत के घर पहुंचा था।
- प्रकरण में संदेही पुलिसकर्मी योगेश राजपूत के घर पूछताछ करने पहुंची एसआईटी टीम पर प्रधान आरक्षक व उसके साथियों ने एक राय होकर अभद्रता करते हुए धक्का मुक्की की गई थी, जिससे एसआईटी टीम के पुलिस कर्मी आहत हुए थे।
- शिकायतकर्ता एसआई अमित अग्रवाल के अनुसार एसआईटी टीम बीएनएस की धारा 316 (5) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ए), 13(2) की विवेचना करने स्टाफ के साथ सिवनी पहुंची थी, जहां संदिग्ध पुलिस कर्मी योगेश राजपूत ने अपने साथियों को एकत्रित कर पुलिस बल को घेर लिया।
- धक्का-मुक्की करते हुए कंधे पर मुक्का मारा, जिससे उन्हें चोट आई। योगेश के सहयोगी नरेन्द्र उर्फ गुड्डू ठाकुर ने पुलिस टीम को जान से मारने की धमकी देते हुए सार्वजनिक रूप से अश्लील गाली दी थी।
वीडियोग्राफी कर रहे आरक्षक का मोबाइल तोड़ा
पुलिस के वीडियोग्राफी करने के दौरान योगेश, ब्रजेश व नरेन्द्र ठाकुर के उकसाने पर भीड़ ने आरक्षक शैलेष तैलंग का मोबाइल गिराकर तोड़ दिया। आरोपितों ने एक राय होकर शासकीय सेवकों को कर्तव्य पालन से रोका व शासकीय नोटिस तामील नहीं होने दिया। कोतवाली पुलिस ने 7 नामजद आरोपित में योगेश राजपूत, ब्रजेश राजपूत, नरेंद्र उर्फ गुड्डू ठाकुर, अखिलेश खेडीकर, ओमप्रकाश उर्फ मुन्ना, कुलदीप ठाकुर, एक अन्य तथा 8-10 अन्य अज्ञात लोगों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 121 (1), 132, 221, 296, 324(4), 351(3), 191(2) के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
बालाघाट से जांच करने आये एसआईटी दल अभद्रता व धक्का-मुक्की करने वाले प्रधान आरक्षक सहित सात लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। अन्य 8-10 अज्ञात लोगों की पहचान वीडियो फुटेज के माध्यम से की जा रही है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, अन्य पांच फरार लोगों की तलाश की जा रही है।
सुनील कुमार मेहता, पुलिस अधीक्षक सिवनी
प्रधान आरक्षक के भाई ब्रजेश 20 बार हुई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई, दर्ज हैं कई प्रकरण
- मीडिया के नाम सुसाइड नोट लिखकर 19 अक्टूबर को घर से लापता प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत का एक सप्ताह बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है। वहीं कोतवाली पुलिस ने सोमवार को प्रधान आरक्षक के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का नया प्रकरण दर्ज कर लिया है।
- बालाघाट पुलिस 18 अक्टूबर की रात योगेश को नोटिस देने पहुंची थी। इस दौरान बालाघाट पुलिस को रौब दिखाते हुए प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत, उसके भाई ब्रजेश राजपूत व अन्य सहयोगियों पर अभद्रता करने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ था।
आधी रात को हुए हंगामे के दौरान धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। कोतवाली प्रभारी किशाेर बामनकर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस घटना के अगले दिन से प्रधान आरक्षक घर से लापता हैं। लापता योगेश राजपूत पर बालाघाट पुलिस ने 5 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था।
लापता प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत का रिकार्ड जिले की पुलिस खंगाल रही है। योगेश पर मारपीट का एक प्रकरण बंडोल थाने में दर्ज है, जो न्यायालय में विचारधीन है। एक अन्य प्रकरण 1997 में छिंदवाड़ा के चौरई पुलिस थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था, जिसका निराकरण हो चुका है।
प्रधान आरक्षक के तीसरे पुत्र व एक अन्य प्रकरण में विभागीय जांच 2022 में शुरू हुई थी, जिस पर न्यायालय ने स्थगन दिया है। प्रधान आरक्षक के भाइयों एवं परिवार के अन्य लोगों पर दर्ज अपराधिक मामलों की जानकारी भी पुलिस एकत्रित कर रही है।
योगेश के भाई ब्रजेश पर मारपीट, उपद्रव सहित अन्य धाराओं में बंडोल थाना में 8 प्रकरण दर्ज हैं। दो प्रकरण में वह दोषमुक्त हो चुका है, शेष प्रकरण विचाराधीन हैं।
बंडोल पुलिस ने 20 अलग-अलग प्रकरणों में ब्रजेश पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। योगेश के एक अन्य भाई स्वदेश पर भी सात प्रकरण विभिन्न धाराओं में बंडोल थाने में दर्ज हैं।