सिवनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मानसून की बेरुखी ने एक ओर किसानों को परेशान कर रखा है, वहीं दूसरी ओर जंगली सूअरों के झुंड उनके लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। जंगली सूकर मक्का की फसल चट कर रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जंगली सूअरों द्वारा किसानों पर हमला किए जाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। जंगली जानवरों द्वारा फसल, पशु व मानव को क्षति पहुंचाने का आंकलन व मुआवजा का अधिकार शासन ने वन विभाग से वापस लेकर राजस्व विभाग को दे दिया है। इसके बाबजूद भी वन विभाग ने सक्रियता व गंभीरता पूर्वक किसानों की बातें सुनी गई। डीएफओ दक्षिण सामान्य वनमंडल ने त्वरित संज्ञान लेकर मौका स्थल का अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निरीक्षण कर नष्ट फसल की क्षति का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि जंगली जानवरों के आतंक से कन्हरगांव, हथनापुर, पिपरिया इत्यादि गांव के किसान परेशान है। जंगली सूअरों के झुंड के झुंड द्वारा लहलहाती मक्का की फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हुए चकनाचूर कर दिया है और किसानों पर भी अकेला दुकेला देखकर हमलावर हो रहे है। इससे गांव के किसानों में भय व्याप्त है। उनके परिजन बाल बच्चे बूढ़े महिलाएं खेत जाने से डर रहे है व सहमे हुए है। कुछ किसानों पर जंगली सुअर के आक्रमण से शारीरिक क्षति भी पहुँचाई गई है। ज्ञापन सौंपने वालों में कामरेड अली एमआर खान, अंगद सिंह बघेल, राजेश पटेल, रामकुमार सनोडिया सहित किसान कुंजबिहारी, सोनू, लक्ष्मीचंद, प्रेमशंकर, देवशंकर, रविशंकर सनोडिया, नीरज यादव, शुभम ,अशोक साहू, मग्घू जंघेला व अन्य शामिल रहे।