नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। शहडोल जिले में एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत अमलाई ओपन कास्ट माइंस में मिट्टी धंसने से एक डंपर और एक डोजर करीब 50 मीटर गहरे दलदल में समा गए हैं। इस घटना में ठेका कंपनी आरकेटीसी के ट्रक चालक अनिल कुशवाहा (निवासी मऊगंज) लापता हो गए, जबकि दो कर्मचारी प्रदीप शर्मा (भोलू) और सूर्यप्रकाश रजक डोजर से कूद गए, जिससे ये घायल हुए हैं। बचाव कार्य चल रहा है और जबलपुर से सेना का बचाव दल भी बुलाया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह हादसा शनिवार शाम करीब 6 बजे हुआ है। ठेका कंपनी आरकेटीसी का भारत बेन्ज डंपर नंबर-10 मिट्टी अपलोड कर रहा था और पास में एक डोजर मिट्टी फैला रहा था। तभी अचानक ओवी डंपिंग क्षेत्र की मिट्टी धंस गई, जिससे दोनों वाहन गहराई में समा गए। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया। शिफ्ट इंचार्ज मुनीम यादव को मिट्टी हटाकर बाहर निकाल लिया गया।
हालांकि, डंपर ऑपरेटर अनिल कुशवाहा का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। घायल कर्मचारियों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा दिया गया है। कर्मचारियों ने इस हादसे के लिए कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
उनका आरोप है कि आरकेटीसी की गाड़ियां तकनीकी रूप से अनफिट थीं और उन्हें बिना पर्याप्त दबाव के काम में लगाया जा रहा था। साथ ही पानी भरे डंपिंग क्षेत्र में बिना उचित निरीक्षण और सुरक्षा इंतजामों के भारी वाहनों को भेजा गया, जिसके कारण यह गंभीर हादसा हुआ। पुलिस मौके पर हैं और एनडीआरएफ भी बचाव कार्य में लगी है।
घटना की सूचना मिलते ही एसईसीएल के अधिकारी और धनपुरी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और बचाव कर शुरू कराया है। थाना प्रभारी खेम सिंह ने बताया कि क्षेत्र को घेरकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। मिट्टी और दलदल की गहराई को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को बुला लिया गया है। एनडीआरएफ की टीम रात में घटनास्थल पर पहुंचकर गहराई में फंसे डंपर और लापता ऑपरेटर की तलाश कर रही है। अभी तक ऑपरेटर और डंपर नहीं मिला है।
सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, एसईसीएल प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा बचाव कार्य शुरू किए गए। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने बताया कि बचाव कार्य के लिए बनारस उत्तरप्रदेश से एनडीआरएफ की टीम रीवा होते हुए शहडोल घटना स्थल के लिए रवाना हो चुकी है, इसके साथ ही जबलपुर से सेना के बचाव एवं राहत दल से सहयोग मांगा गया है, वह दल भी शहडोल के लिए रवाना हो गया है।
जानकारी के अनुसार अमलाई क्षेत्र में लगभग 10 साल पहले भी इसी तरह का एक हादसा हुआ था, जब भारी वाहन दलदल में धंस गए थे और ऑपरेटरों को निकालना संभव नहीं हो सका था। कर्मचारियों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने और खदानों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी और तकनीकी जांच प्रणाली लागू करने की मांग की है।