नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। प्रशासन दावे कर रहा है कि पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है, लेकिन तस्वीरे कुछ और बयां कर रही हैं। ब्यौहारी में तीन दिनों से लोग लंबी लाइनों में लग कर खाद लेते दिखाई दे रहे है। भारी बारिश के बीच खाद लेने किसान खड़े रहे, और बारिश से बचने किसी ने पन्नी तो किसी ने कुर्सी से अपना बचाव करते दिखाई दे रहे है। वीडीओ सामने आया है। भीड़ इतनी हो गई कि पुलिस बुलवानी पड़ी, बारिश के बीच पुलिस मौके पर लोगों को समझाती दिखी।
खाद की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। यूरिया जिसका सरकारी रेट प्रति बोरी (45 किलो) 266.50 रुपए है, उसे मार्केट में 500 से 700 रुपए में बेची जा रही है। मुख्यालय में सब्जी मंडी स्थित एक दुकान में किसानों की भारी भीड़ जमा रही। यूरिया खाद यहां से बेची जा रही थी। बोरियां लेकर बाहर निकले अधिकांश किसानों ने बताया कि एक बोरी का 500 तो किसी ने 600 रुपए अदा किए हैं।
मजेदार बात यह रही कि दुकानदार द्वारा किसी को रसीद नहीं दी गई। किल्लत के बीच खाद मिलने के चलते किसान शिकायत भी दर्ज नहीं कराते । ब्यौहारी तहसील के ग्राम पंचायत मैरटोला की सोसायटी में बारिश के बीच सिर पर पॉलीथीन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते किसान है कि वर्तमान में धान की फसल के लिए यूरिया खाद की सबसे अधिक मांग है।
सरकारी सोसायटियों में उन्हीं किसानों को खाद दी जा रही है जिन्होंने ऋण ले रखा है। नकद राशि पर डबल लॉक गोदामों में भारी भीड़ आ रही है, अधिक रेट में खाद बेचने की जानकारी पर भी कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इसी प्रकार अनेक किसानों ने बताया कि भमरहा स्थित निजी दुकान से खाद की एक बोरी 500-500 रुपए में दी जा रही है। जिससे विवाद की स्थिति बन रही है।
डीएमओ आनंद पांडेय के अनुसार दो रैक खाद की आ चुकी है दो और आनेवाली है। पर्याप्त स्टाक है वितरण भी हो रहा है, लेकिन किसानों की इतनी भीड़ क्यों आ रही है, समझ से परे है। अधिक दामों में खाद बेचने की लगातार शिकायतों के बाद भी कृषि विभाग द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
विभाग के अधिकारी प्रदीप कुशवाहा को सब्जी मंडी में अधिक रेट पर खाद बिक्री की सूचना दी गई लेकिन उन्होंने दौरे पर होने की बात कही, वहीं किसान काफी नाराज हैं। इनका कहना है कि विभाग के अधिकारी खुद मिलकर कालाबाजारी करवा रहे हैं।