शहडोल। यहां का खनिज माफिया बेखौफ हो चुका है। दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज का निर्माण करा रही ठेका कंपनी डीव्हीपीएल के पांच कर्मचारियों को खनिज माफियाओं ने जिंदा जलाने का असफल प्रयास किया। ये कर्मचारी सोन नदी के श्यामडीह के उस घाट पर तैनात हैं जहां से कॉलेज कॉलेज निर्माण के लिए कंपनी लीज पर रेत ले रही है। ये पांचों कर्मचारी झोपड़ी में अंदर थे उसी समय 16 दिसम्बर की आधी रात को आग लगा दी गई। इनकी जान बच गई, लेकिन शहडोल का मेडिकल कॉलेज निर्माण के दौरान ही विवादों में घिर गया है। रेत निकासी को लेकर एक सप्ताह पहले विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी और इसी बात को लेकर आगजनी की घटना की गई। इस मामले में सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज हो गई है, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस आरोपियों को नहीं तलाश पाई।
इस कारण माफिया था खिन्न
उल्लेख है कि मेडिकल कॉलेज को डीव्हीपीएल कंपनी बना रही है। निर्माण के लिए खनिज विभाग से लीज पर सोन नदी के श्यामडीह घाट पर रेत का ठेका लिया है। रेत परिवहन का काम मनीष पटेल को कंपनी ने दिया है। जहां पर कंपनी ने लीज ली है उसके आसपास रेत का अवैध उत्खनन होता है। यह रेत शहर में खुलेआम महंगे दामों में बिकती है। इस बात का विरोध डीव्हीपीएल कंपनी ने किया था और खनिज विभाग को शिकायत करके आपत्ति की थी। इस घटना के पहले खनिज विभाग ने रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन को रोकने के लिए यहां बड़ा गड्ढा बनवाकर वाहनों के आने-जाने में प्रतिबंध कर दिया था। इसी बात को लेकर अवैध रेत उत्खनन माफिया में आक्रोश पनपा और नतीजा आगजनी की घटना तक पहुंच गया। इसके पहले मनीष पटेल को धमकियां भी दी गईं।
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