विनोद कुमार शुक्ला, नईदुनिया, शहडोल। मध्य प्रदेश में पिछले कई वर्षों से ऐसे लोग भी शासकीय उचित मूल्य दुकानों से निशुल्क सरकारी राशन का लाभ उठा रहे थे, जो इसके हकदार नहीं थे या जिनका निधन हो चुका था। अप्रैल से अब तक ढाई महीने में पूरे प्रदेश में साढ़े चार लाख से अधिक लोगों को ई-केवाईसी के दौरान अपात्र मानते हुए पकड़ा गया है, और उनका राशन बंद कर दिया गया है।
इनमें शहडोल जिले के 6,234 लोग भी शामिल हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन अपात्रों के नाम से राशन आवंटित होता था, अब उन्हें राशन नहीं मिलेगा। केवल वही लोग राशन प्राप्त करेंगे, जिनकी ई-केवायसी पूरी होगी। ई-केवाईसी के दौरान लगातार अपात्रों की पहचान की जा रही है, जिनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, फिर भी उनके नाम से राशन निकल रहा था।
वर्तमान में प्रदेश में 5 करोड़ 32 लाख 42 हजार 12 लोग राशन का लाभ ले रहे हैं। इनमें से 4 करोड़ 79 लाख 52 हजार 560 लोगों की ई-केवायसी पूरी हो चुकी है। वहीं, 4 लाख 68 हजार 137 लोगों को चिन्हित कर राशन बंद किया गया है। ये सभी लोग राशन के हकदार नहीं थे। शहडोल जिले में 8 लाख 28 हजार 740 लोग 29 श्रेणियों के तहत राशन के लिए पात्र हैं, जिनमें से 7 लाख 56 हजार 638 की ई-केवायसी हो चुकी है और 45 हजार 391 की प्रक्रिया अभी बाकी है।
शासन स्तर से यह प्रक्रिया निरंतर चल रही है और जिन राशन कार्ड व पात्रता पर्ची धारकों की ई-केवायसी नहीं होगी, उन्हें राशन नहीं मिलेगा। शासन-प्रशासन लगातार ई-केवायसी पर जोर दे रहा है, ताकि पात्र लोगों तक नि:श्शुल्क और सरकारी राशन पहुंच सके।
जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में 90 प्रतिशत ई-केवायसी पूरी हो चुकी है और यह प्रक्रिया जारी है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अब सरकार गंभीरता से ई-केवायसी पर कार्य कर रही है, ताकि केवल पात्र व्यक्तियों को ही सरकारी खाद्यान्न प्राप्त हो सके।
इस साल एक अप्रैल से ई-केवायसी हो रही है। यह प्रक्रिया सतत जारी है। अपात्रों को चिह्नित कर उनका राशन बंद किया जा रहा है और जो नए पात्र हैं, उनको जोड़ा भी जा रहा है। ढाई महीने में प्रदेश भर में चार लाख से अधिक लोगों को चिह्नित कर राशन बंद किया गया है। इसमें शहडोल के छह हजार से अधिक लोग शामिल हैं। अभी प्रक्रिया निरंतर चल रही है। - विपिन पटेल, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, शहडोल।