शहडोल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। राम करे सब काम अर्थात राम के नाम के प्रति श्रद्धा से सारे काम अपने आप हो जाते हैं, किंतु जो व्यक्ति अपने भगवान के प्रति श्रद्धा नहीं रखता है, उसके कभी भी कोई भी काम नहीं हो पाते हैं।ऐसा व्यक्ति संसार सागर में डूबता हुआ और संसार के दुखों में भटकता रहता है। उसको अपने जीवन में कभी भी सफलता सुख शांति समृद्धि प्राप्त नहीं होती किंतु जो व्यक्ति अपने भगवान के प्रति श्रद्धा रखता है वह व्यक्ति हमेशा सुखी संपन्ना रहता हुआ आनंद को प्राप्त होता है।यह उद्गार मुनि श्री सुव्रतसागर जी महाराज ने पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर शहडोल में चातुर्मास करते हुए धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
हर कोई तैयार बैठा भटकाने के लिए
मुनिश्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस दुनिया में हर व्यक्ति आपको भटकाने के लिए तैयार है, किंतु बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो आपको सन्मार्ग पर ला करके आपको संसार से बचाने का प्रयास करते हैं। जब कोई संसार का व्यक्ति अपनी झूठ को दो तीन बार सत्य कहकर बतलाता है तो सत्य सा लगने लगता है किंतु वह सत्य होता नहीं है और यही सत्य जैसा लगने वाला झूठ हमें संसार में भ्रमण करवाता है परेशान करता है। इसका मूल कारण है होता है कि हमने अपने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा का आचरण नहीं किया।
श्रद्धा हमारे मन के अंदर है
मुनिश्री ने कहा कि अगर हमारी श्रद्धा हमारे अंदर नहीं है तो दुनिया का कोई भी व्यक्ति तुम्हारा काम नहीं बना सकता।अगर हमारे अंदर श्रद्धा है तो कोई भी व्यक्ति तुम्हारा काम बिगाड़ नहीं सकता। मुनि श्री ने यह भी बताया कि अगर श्रद्धा नहीं है तो कोई भी कार्य करने में आपको परेशानी जाएगी किंतु अगर श्रद्धा है तो आपके काम अपने आप होते जाएंगे। इसलिए अपने जीवन में सबसे बड़ी संपत्ति अगर कोई है तो वह है श्रद्धा। श्रद्धा के बिना सारे धर्म सारे ग्रंथ सारे पुराण अधूरे ही नहीं अपंग ही नहीं बल्कि यूं कहें कि है ही नहीं तो भी कहना अनुचित नहीं होगा। धर्म सभा में बहुत अधिक मात्रा में श्रद्धालु उपस्थित रहे।