MP में पुलिस की बर्बरता का वीडियो वायरल, ASI सहित चार कर्मी लाइन अटैच
शहडोल जिले के केशवाही में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई पत्थरबाजी के बाद पुलिस पर गंभीर सवाल उठे हैं। आरोप है कि पुलिस असली आरोपितों को पकड़ने में नाकाम रही और विरोध करने वालों पर कार्रवाई की। मारपीट का वीडियो वायरल होने पर एएसआई सहित चार पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर विभागीय जांच शुरू की गई।
Publish Date: Tue, 07 Oct 2025 09:28:54 PM (IST)
Updated Date: Tue, 07 Oct 2025 09:29:42 PM (IST)
MP में ASI सहित चार कर्मी लाइन अटैच (File Photo)HighLights
- मारपीट वीडियो वायरल, चार पुलिसकर्मी लाइन अटैच किए गए।
- पत्थरबाजी के आरोपित अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर।
- MP पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोगों में बढ़ा आक्रोश।
नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल: जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली लगातार कटघरे में है। इसका एक उदाहरण केशवाही में भी सामने आया है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा में पत्थरबाजी हुई, जिसके आरोपितों को पुलिस सामने नहीं ला पाई और जो लोग इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, उनको अपराधी बना दिया गया।
इंटरनेट मीडिया में वीडियो प्रसारित
एक युवक को रात में उसके घर से उठा जमकर मारपीट की गई, जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ तो चेंबर में बैठकर अफसरी कर रहे पुलिस के अधिकारियों ने उन चारों पुलिस कर्मियों को केशवाही चौकी से हटाकर पुलिस लाइन अटैच कर दिया है और विभागीय जांच शुरु कर दी है। घटना के तीन दिन बाद कार्रवाई तब हुई जब वीडियो प्रसारित होने लगा। य दि वीडियो प्रसारित नहीं होता तो यह पुलिस कर्मी भी उन पुलिस अधिकारियों की तरह सुरक्षित रहते जो विरोध कर रहे युवाओं पर लाठियां चलवाई और अपराध दर्ज किया।
जानकारी के अनुसार जिस युवक की पिटाई हुई उसे पुलिस ने इतना पीटा है कि उसे मरणासन्न अवस्था में वाहन से लाया पड़ा। प्रसारित वीडियो से पूरे क्षेत्र में पुलिस के प्रति आक्रोश का माहौल गया है। 3 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई पत्थरबाजी की घटना के विरोध में लोगों आंदोलन किया था, जिसमें शामिल कई लोगों पर पत्थरबाजी और उपद्रव के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने दीपू त्रिपाठी नामक युवक को देर रात उसके घर से जबरन उठाया और जमकर पीटा।
किसी पुलिस अधिकारी ने नहीं दी प्रतिक्रिया
स्वजन का कहना है कि पुलिसकर्मी घर में घुसी और दीपू को खींचकर बाहर ले गई, उसके बाद लाठियों से पिटाई की गई। प्रसारित वीडियो पर किसी पुलिस अधिकारी ने प्रतिक्रिया नहीं दी। बस यह सूचना प्रसारित करा दी गई कि मारपीट में शामिल पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच किया गया है। इन पुलिस कर्मियों में केशवाही चौके एएसआइ रामेश्वर पांडेय और प्रधान आरक्षक रामनरेश यादव, मलीकंठ यादव और मनोज शामिल है। वहीं घटना के चार दिन बाद भी पुलिस ने यह नहीं बता पा रही है कि पत्थरबाजी करने वाले कौन लोग हैं, जिसके कारण माहौल खराब हुआ है।
पुलिस की कार्रवाई और अब तक अपनाई जा रही कार्यप्रणाली से आम लोगों के बीच चर्चा है कि स्थानीय पुलिस की लापरवाही व गैर जिमेंदाराना रवैया के चलते तनाव की स्थिति बनी है। यदि मुख्यालय से बड़े अधिकारी घटना स्थल तक उसी दिन आ गए होते तो यह मामला इतना तूल नहीं पकड़ता है।