नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। शहडोल जिले के ब्यौहारी विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल सकंदी और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में भवन की पुताई और मरम्मत घोटाले में जीएसटी की चोरी का मामला भी सामने आया है। यही नहीं बिना काम कराए भुगतान निकाल लिया गया।
कलेक्टर डॉ .केदार सिंह ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सकंदी के प्रभारी प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला को निलंबित कर दिया है। निपनिया प्राचार्य राधिका शुक्ला और जिला शिक्षा अधिकारी पीएस मारपाची को नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा है। घोटाला उजागर होने के बाद हाई स्कूल सकंदी की जांच एसडीएम ब्यौहारी नरेंद्र सिंह ध्रुर्वे ने की है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया की जांच सोमवार को होगी।
बता दें कि दोंनों स्कूलों में 24 लीटर आयल पेंट की पुताई 658 मिस्त्री और मजदूरों से कराई। तीन लाख 38 हजार 634 रुपये मजदूरी के रूप में खर्च कर दिए। शनिवार को इंटरनेट मीडिया में बिल के चित्र बहुप्रसारित होने के बाद यह चौंकाने वाला मामला सामने आया। इसमें हाई स्कूल सकंदी में चार लीटर आयल पेंट को 196 रुपये प्रति लीटर की दर से 784 रुपये में खरीदा गया है।
इस पेंट को दीवार पर पोतने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों से काम कराना बता दिया गया। इसकी एवज में एक लाख 06 हजार 984 रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है। इसी तरह से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में 20 लीटर पेंट की खरीदी की गई और इसकी पुताई के लिए 275 मजदूरों और 150 मिस्त्रियों को काम पर लगाया गया। उनकी मजदूरी का कुल भुगतान दो लाख 31 हजार 650 रुपये किया गया।
एसडीएम की जांच में सामने आया है कि बिना काम के पैसा निकालने के साथ 24 लीटर आयल पेंट लगाने में 443 मजदूर और 215 मिस्रियों के काम के बिल भुगतान करने में जीएसटी की चोरी भी की गई है। नियमानुसार कोई भी अब बिल बिना जीएसटी के पास नहीं हो सकते हैं।
सुधाकर कंस्ट्रक्शन ग्राम इंदवार पंचायत उदारी, तहसील ब्यौहारी के द्वारा पुताई का बिल भुगतान प्राप्त किया गया है। इसका जीएसटी नंबर भी नहीं है और इसके पंजीयन की भी पुष्टि नहीं हो रही है। बताया गया कि पुताई में काम रहे एक श्रमिक के भाई की यह दुकान है।
कलेक्टर ने निलंबित किया
पुताई घोटाले में शासकीय हाई स्कूल सकंदी की जांच हो पाई है। तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला (प्राथमिक शिक्षक) को कलेक्टर ने निलंबित किया है। निपनिया स्कूल की जांच करनी है। यहां की प्राचार्य राधिका तिवारी और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है। बिल भुगतान में गड़बड़ी मिली है, जिसकी जांच चल रही है। - नरेंद्र सिंह धुर्वे, एसडीएम ब्यौहारी
बिना जीएसटी के किसी भी तरह के बिल का भुगतान नहीं हो सकता है। यदि कोई करता है, तो वह अवैधानिक है। सरकारी निर्माण कार्यों की सामग्री, मजदूरी भुगतान सहित सभी के बिल अब जीएसटी के साथ ही कटते हैं। यदि मैन्युअल बिल है और उसमें जीएसटी नंबर भी नहीं है तो वह पूरी तरह गलत है। इससे यह माना जाता है कि संबंधित संस्था जीएसटी चोरी कर रही है और इस प्रक्रिया जितने लोग शामिल हैं, सभी दोषी हैं। - अशोक मरावी, इंजीयर आरईएस।