
नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। करैत प्रजाति के जहरीले सर्प ने 22 जुलाई को एक तीन साल की बच्ची को तीन बार डसा, जिसकी वजह से उसकी हालत गंभीर हो गई थी। जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में भर्ती कर उसे 11 दिन वेंटिलेटर पर रखा गया। इस दौरान 24 घंटे में उसे 40 एंटी वेनम इंजेक्शन दिए गए। अब बच्ची स्वस्थ है और घर जा चुकी है।
शहडोल के पिपरिया गांव निवासी कृष्ण कुमार कोल की तीन वर्षीय बेटी कंचन अपनी दादी के साथ जमीन पर सो रही थी। रात करीब 12 बजे करैत प्रजाति के जहरीले सर्प ने उसके बाएं हाथ की कोहनी पर तीन बार डस लिया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डा. सुनील हथगेल ने बताया कि कंचन के शरीर में न्यूरोटॉक्सिस जहर तेजी से फैल गया, जिससे उसकी स्थिति अत्यंत नाजुक हो गई। रात में ही जिला अस्पताल में भर्ती कराते समय उसके दोनों हाथ और पैरों में पैरालिसिस हो चुका था और वह ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी।
उसकी दिल की धड़कनें भी बंद होने की कगार पर थीं। पीआईसीयू में कंचन कोल को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया तो तुरंत वेंटिलेटर पर रखकर उसका इलाज शुरू किया। यह सबसे जटिल स्नेक बाइट केस था, जिसमें 40 वायल एंटीस्नेक वेनम की आवश्यकता पड़ी।
11 दिन बाद बच्ची की बचने की उम्मीद जगी और धीरे-धीरे उसे वेंटिलेटर से बाहर लाया गया। अब उसने सामान्य आहार लेना शुरू कर दिया है। पहले उसकी आवाज चली गई थी, लेकिन अब लौटने लगी है। इस दौरान कंचन को निमोनिया भी हो गया था, जिसका इलाज किया गया।