शाजापुर। वर्तमान में भू-जल स्तर में निरंतर कमी आने से किसानों को रबी सीजन के दौरान सिंचाई के लिए पानी की कमी की समस्याओं का सामना करना पड़ा। ऐसे में किसान यदि अपने खेत के कुंए, नलकूप को रिचार्ज करेंगे तो उन्हें लंबे समय तक सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा, इसके लिए आत्मा परियोजना अंतर्गत कवायद चल रही है।
आत्मा परियोजना उपसंचालक आरपीएस नायक ने बताया कि अभी से ही किसान कुआं, नलकूप को रिचार्ज करें। उन्होंने बताया कि खेत, गांव के सूखे कुंए या बावड़ी को रिचार्ज करने के लिए कुंए के ऊपर की ओर 3 से 6 मीटर दूरी पर 3 मीटर लंबा, 3 मीटर चौड़ा व 3 मीटर गहरा गड्ढा खोदें। गड्ढ़े को नीचे से कुएं से 3 इंच पाइप से जोड़ें। गड्ढे में नीचे की ओर से 1 मीटर तक बड़े पत्थर, 1 मीटर तक गिट्टी तथा सबसे ऊपर के आधा मीटर में बालू रेती डाल दें। सबसे ऊपर फिल्टर का आधा मीटर भाग खाली छोड़ें, अब खेत में गिरने वाले बरसात के पानी का बहाव नाली बनाकर इस फिल्टर की ओर मोड़ दें। बारिश होगी तो बरसात का पानी छनकर कुएं में जाएगा और कुएं से भूमि में।
उपसंचालक नायक ने बताया कि बरसात के फालतू बह जाने वाले पानी को टयूबवेल के पास बनाए गए फिल्टर के माध्यम से शुद्ध करके भू-जल में मिलाएं। इसके लिए किसान ट्यूबवेल के केसिंग पाइप के चारों तरफ डेढ़ मीटर गोलाई का तीन मीटर गहरा गड्ढा खोदें। गड्ढे में गिट्टी एवं उसके ऊपर मोटी रेत तथा इसके बाद ऊपर से 2 फीट खाली छोड़कर बालू रेती भरी जाती है, ताकि पानी फिल्टर होकर नीचे जाए। सबसे ऊपर गड्ढे को 2 फीट खाली छोड़ दें, ताकि बरसात का पानी इसमें भरकर रिस सके। इसके बाद खेत के पानी को इस ट्यूबवेल की ओर मोड़ दिया जाता है। पूरी बरसात में पानी जमीन के भीतर एकत्र रहता है तथा ट्यूबवेल का जलस्तर बढ़ जाता है। उपसंचालक नायक ने बताया कि रिचार्ज किए गए कुएं एवं नलकूप से रबी की फसल में एक पानी अधिक दिया जा सकता है।
गहरी जुताई कर अधिक उत्पादन लें
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि किसान खेत की ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से प्रति तीन वर्ष में एक बार अवश्य करें। गहरी जुताई करने से खेत की मिट्टी की भौतिक दशा में सुधार होता है, जिससे उसकी जल धारण क्षमता बढ़ जाती है। साथ ही खेत की नीचे की मिट्टी ऊपर व ऊपर की मिट्टी नीचे हो जाती है। इससे नीचे की मिट्टी में उपस्थित कीटों की शंखियां, रोगों के जीवाणु विषाणु एवं खरपतवारों के बीज अवशेष ऊपर आने के बाद धूप में सूखकर नष्ट हो जाते हैं। वर्तमान में ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करने का उपयुक्त समय है, इसलिए किसान अपने खेतों में गहरी जुताई अवश्य करें।