मां कनकेश्वरी
शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर दूर। उज्जैन जिले के तराना तहसील के ग्राम करेड़ी में स्थित प्राचीन मंदिर। माता कनकेश्वरी महाभारत कालीन राजा कर्ण की आराध्य देवी होने की मान्यता है। मां दिन में तीन रूपों में दिखाई देती है। बताते हैं कि माता के हाथ में रखा खप्पर का पानी कभी नहीं सूखता है। परिसर में ही माता अंजनी का मंदिर भी है।
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Publish Date: Tue, 30 Sep 2014 01:11:54 AM (IST)
Updated Date: Tue, 30 Sep 2014 01:11:54 AM (IST)

शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर दूर। उज्जैन जिले के तराना तहसील के ग्राम करेड़ी में स्थित प्राचीन मंदिर। माता कनकेश्वरी महाभारत कालीन राजा कर्ण की आराध्य देवी होने की मान्यता है। मां दिन में तीन रूपों में दिखाई देती है। बताते हैं कि माता के हाथ में रखा खप्पर का पानी कभी नहीं सूखता है। परिसर में ही माता अंजनी का मंदिर भी है। मंदिर में माता अंजनी के साथ बाल हनुमान की प्रतिमा भी है। इसी प्रकार मंदिर में प्राचीन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। करेड़ी क्षेत्र में कई बार खुदाई के दौरान प्राचीन प्रतिमाएं निकलती रही है। कहा जाता है कि माता रानी ने वीर शिवाजी को भी तलवार भेंट की थी। यहां शिखर पर भगवान शिव का मंदिर है। करेड़ी मंदिर एवं नलखेडा स्थित मंदिर में काफी समानताएं बताई जाती है। नलखेडा माता मंदिर के समीप लखुंदर नदी निकली है वहंी मां बगुलामुखी पांडवों की आराध्य देवी रही है। इसी तरह करेड़ी से कुछ दूरी पर ही लखुंदर नदी निकलती है। वहीं यहां महाभारत कालीन राजा कर्ण ने पूजन अर्चन व तपस्या कर सिद्घियां प्राप्त की थी। मंदिर परिसर एवं आसपास के कई लोग हार फूल, प्रसाद आदि का व्यवसाय करते हैं। वही यहां मेला भी लगता है। इसमें स्थानीय एवं आसपास के शहरी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग व्यापार-व्यवसाय करते हैं।