
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। राज्य सरकार ने वर्ष 2028 के पहले प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में सरकारी या सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से मेडिकल कॉलेज शुरू करने का लक्ष्य रखा है। 12 जिलों में पीपीपी से मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने के लिए दो बार निविदा जारी की गई, जिसमें पन्ना, बैतूल, धार और कटनी में एक निवेशक कॉलेज प्रारंभ करने के लिए तैयार हुआ।
अब लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में संचालक प्रोजेक्ट नीरज सिंह ने पुष्टि की है कि शेष बचे आठ जिलों और शाजापुर को मिलाकर नौ जिलों के लिए फिर ऑफर बुलाए जाएंगे। कॉलेज खुलने पर प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी और मरीजों को लाभ मिलेगा। मध्य प्रदेश में अभी 19 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं।
इससे पहले कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम, देवास और मुरैना में पीपीपी से मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने के लिए निविदा बुलाई गई थी। इसमें कटनी, धार, पन्ना और बैतूल के लिए एमओयू हो चुका है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष अप्रैल में कैबिनेट में पीपीपी से मेडिकल कॉलेज खोलने के नियमों में परिवर्तन किया था।
इसमें शर्त यह है कि निवेशक को सरकार एक रुपये की लीज पर 25 एकड़ जमीन देगी। यह मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल से संबद्ध रहेगा। निवेशक को जिला अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ानी होगी। जिला अस्पताल पर नियंत्रण सरकार का रहेगा।