आगर मालवा। पुराने उौन-चवली मार्ग पर स्थित कई डेंजर जोन खत्म होने की सम्भावना टू-लेन निर्माण के दौरान बढ़ गई है। इन डेंजर जोनों के खत्म होने से इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह बरखेड़ी इस संबंध में आगर कलेक्टर अवधेश शर्मा को आवेदन भी दे चुके हैं।
13 से अधिक डेंजर जोन हैं 134 किलोमीटर में
वर्तमान में उौन-चवली मार्ग जिस पर एनएचएआई द्वारा टू-लेन का निर्माण करवाया जा रहा है। पूर्व में यह लोक निर्माण विभाग तथा बाद में एमपीआरडीसी के अन्तर्गत आता था। इस मार्ग पर 13 से अधिक डेंजर जोन हैं। कई तो इतने खतरनाक मोड़ हैं कि वहां सामने से आता हुआ वाहन दिखाई नहीं देता। जिसके कारण इन स्थानों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष बरखेड़ी द्वारा कलेक्टर को दिए गए आवेदन में लिखा है कि डेंजर जोन को खत्म किया जाए तथा भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना न हो व आम जनता को सुविधा मिले, इसके लिए डेंजर जोन का हटाया जाना जरूरी है। बरखेड़ी ने मोयाखेड़ा टॉवर, महुड़िया पुलिया, आमला बरखेड़ा कटन, बापचा जोड़, आमला पम्प के सामने, तनोड़िया टॉवर के पास, कांकड, पालखेड़ी, तनोड़िया सात मोरी का परटा, खनोटा, लक्ष्मणपुरा, सुसनेर तहसील चौराहा, अमरकोट देहरिया आदि स्थानों पर 13 ऐसे खतरनाक व घुमावदार मोड़ हैं, जिनके कारण वहा अधिकांश समय दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
करीब आधे डेंजर जोन
हो सकते हैं खत्म
सुत्रों की मानें तो भाजपा जिलाध्यक्ष बरखेड़ी द्वारा कलेक्टर अवधेश शर्मा को आवेदन दे कर समस्या बताने के बाद कलेक्टर ने इस मामले को गम्भीरता से लिया हैं। यह भी पता चला है कि कलेक्टर ने सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी जीएचवी के जीएम सुशील श्रीवास्तव
को भी उक्त मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष बरखेड़ी ने बताया कि जीएम श्रीवास्तव से जो मेरी चर्चा हुई थी, उसमें उन्होने कहा था कि जिन डेंजर जोनों के आसपास शासकीय भूमि है, वहां तो सड़क सीधी करने में हमें परेशानी नही होगी, लेकिन जिन अंधे मोड़ों के आसपास शासकीय जमीन न होकर निजी जमीन होगी, वहां कुछ समस्या आ सकती हैं। सूत्रों की माने तो उौन- चवली मार्ग जो कि अब एनएच 552-जी हो चुका है, के आसपास अधिकांश जगह शासकीय भुमि है, ऐसे में करीब आधे डेंजर जोन खत्म होने की संभावना बढ़ गई हैं। कम्पनी द्वारा पुरानी सड़क को उखाड़ कर वहा भराव आदि का कार्य करने के साथ ही पुल-पुलियाओं का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है।