Sheopur News: श्योपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। बीते 14 घंटे से जिले पर मानसून मेहरबान बना हुआ है। सावन की शुरुआत में ही अच्छी बारिश हो रही है। रात करीब 12 से कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश ने शहर सहित जिलेभर जिले भर के नदी नालों को उफान पर ला दिया है। श्योपुर में पार्वती, अहेली, कूनो नदी उफान पर आने से श्योपुर का राजस्थान के कोटा, बारां और ग्वालियर से संपर्क पूरी तरह संपर्क कट चुका है। कराल क्षेत्र के झिरन्या और पहेला गांव में तालाब की पार फूट जाने से पूरे गांव में पानी भर गया है। वहीं शहर में अमराल नदी में पानी आने से गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पानी में डूब गया है। इसके अलावा सेमल्दा गांव का भी श्योपुर से संपर्क कट गया है। बंजारा डैम ओवरफ्लो र पुल से 5 फीट नीचे पानी बह रहा है।
सोमवार-मंगलवार रात से हो रही बारिश के चलते श्योपुर-कोटा हाइवे पार्वती नदी का जल स्तर बढ़ गया है। इस समय खातौली पुल से 10 फीट ऊपर पानी बह रहा है। जिससे श्योपुर से कोटा आने-जाने वाले वाहन पूरी तरह से बंद है। सुबह से श्योपुर का कोटा से संपर्क कटा हुआ है। श्योपुर-बारां हाइवे पर कुहांजापुर के पास पार्वती नदी उफान पर आने से श्योपुर- बारां हाइवे सुबह से बंद है। कुहांजापुर पुल पर 4 से 5 फीट पानी बह रहा है।
बड़ौदा व ललितपुरा के बीच में बहने वाली अहेली नदी के पुल पर 8 फीट पानी बह रहा है, जिससे ललितपुरा, इंद्रपुरा, बाजरली, बांसौद, बहड़ावद, मकड़ावदा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। बड़ौदा क्षेत्र के कलमुंडा गांव व राजस्थान के रामगढ़ के बीच में पड़ने वाले काला पट्टा रपटे पर 7 फीट से होने से इन गांवों का संपर्क राजस्थान से कटा हुआ है।
इसी तरह सेसईपुरा के पास कूनो नदी पुल पर 10 फीट के ऊपर से बह रहा है। इसकी वजह से श्योपुर का श्योपुर का ग्वालियर, शिवपुरी से संपर्क कट गया था, हालांकि शाम 4 बजे के बाद जल स्तर कम हो गया था जिसके चलते पुल पर 3 फीट पानी रह गया था। कूनो नदी पुल पर पानी का बहाव अधिक होने के कारण सड़क उखड़कर बह गई। विगत वर्ष भी कूनो नदी में पानी के कारण सड़क बह गई थी, जिसे करोड़ो रुपये खर्च दोबारा बनाया गया।
विजयपुर में भी क्वारी नदी में पानी ऊफान पर आ गई है, जिससे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा की दृष्टि से क्वारी नदी पर पुलिस बल तैनात करना पड़ा। इधर श्योपुर में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। आवदा डैम 41 फीट भर चुका है जो क्षमता से अधिक है। पहली बारिश में आवदा डैम लबालब भरा है। शहर में हुई बारिश के नजारों को देखने के लिए बंजारा डैम, हाथी टीला, मोती डूंगरी, बावंदा आदि स्थानों पर शहर से सैकड़ो लोग पहुंचे हैं। तालाब की पार फूटने से झिरन्या,पहेला गांव में भरा पानी :
बारिश के कारण कराहल क्षेत्र के झिरन्या गांव में तालाब की पार फूट गई, जिससे झिरन्या व पहेला गांव में पानी भर गया। झिरन्या गांव में पानी कम भरने के कारण ग्रामीण खुद ही सुरक्षित स्थान पर आ गए। लेकिन पहले गांव में एक सैकड़ा के करीब लोगों के घरों में भी पानी घुस गया, जब इसकी जानकारी प्रशासन को मिली तो तहसीलदार नबलकिशोर जाटव पहेला गांव में पहुंचे। लेकिन बीच में रिछी नदी पुल पर पानी होने के कारण तहसीलदार को काफी देर तक रूकना पड़ा। जब पुल से पानी उतर गया तब तहसीलदार ने गांव में पहुंचकर लोगों को छात्रावास भवन में ठहराया और उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था कराई। इसके अलावा बर्धाखुर्द गांव में तालाब फूट गया है।
सीप नदी के टापू पर फंसे 11 चरवाहे, प्रशासन ने रेस्क्यू कर निकाला
कराहल क्षेत्र के फतेहपुर गांव के चरवाहे रोजना की तरह जंगल की तरफ मवेशी चराने गए थे। मंगलवार को जब वह मवेश चरा रहे थे, तभी सीप नदी में पानी में आ गया जिस कारण टापू पर फंस गए। इसकी जानकारी जब प्रशासन को मिली तो एडीएम रूपेश उपाध्याय मौके पर पहुंचे। उन्होंने होमगार्ड की टीम को बुलाकर रेक्यू कर 11 चरवाहों को सुरक्षित बाहर निकलवाया। जिन लोगों को रेक्यू कर निकाला गया है उनमें लवकुश आदिवासी, रामनाथ आदिवासी, मोरपाल आदिवासी, दीवाना आदिवासी, भारत सिंह गुर्जर, रामवीर गुर्जर, बलराम जाट, रामकिशन जाट, नत्थू खान,प्रीतम गुर्जर के नाम शामिल है। खास बात यह है कि प्रशसन की टीम पहुंचने से पहले नयागांव का एक युवक पिंटू जाट ट्रैक्टर के ट्यूब तैरकर चरवाहों को बचाने के लिए उनके पास तक पहुंच गया। लेकिन नदी का भाव ज्यादा होने के कारण उसे अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ा। इसके बाद रेस्क्यू टीम पहुंच गई।
अमराल नदी पुल पर 12 फीट पानी, एक दर्जन गांव का संपर्क कटा
शहर में हुई झमाझम बारिश से खेतों पानी भर गया है। वहीं सोईकलां से भीखापुर को जोड़ने वाली अमराल नदी पर बना रपटा 12 से 13 फीट पानी बह रहा है जिससे रपटा पानी में डूब गया हैं। इस स्थिति में गिलास, भीखापुर, चकबमूल्या, सौभागपुरा, मल्होत्रा, रामबाड़ी, हनुमानखेड़ा, डाबली सहित करीब 15 से अधिक गांवों का सोंईकलां और श्योपुर से संपर्क कट गया है। ऐसे हालातों में ग्रामीणों को दैनिक उपयोग की सामग्री के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलवा सीप नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण सोंई की सीप नदी पुल से टच होने में मात्र एक से डेढ़ फीट नीचे हैं। अभी तक की स्थिति में सीप नदी में जल स्तर बढ़ता जा रहा है। वहीं श्योपुर-पाली हाइवे पर 100 ढाबे के पास बह रहे ककरेंडी रपटे पर डेढ़ से 2 फीट पानी आ गया। हलांकि इससे रपटे पर पानी आने से वाहनों की रफ्तार पर कोई असर नहीं पड़ा।
बड़ौदा के निचली बस्तियों में भरा पानी
झमाझम बारिश होने से शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बड़ौदा के नालों में पानी के कारण कई नीचली बस्तियों में पानी घुस गया। इसके अलावा बिलवाडिया, ललितपुरा, पीपल्दा गांव में भी नीचली बस्तियों के घरों में पानी घुस गया। बताया गया है कि, 1980 के बाद पहली बार बिलवाड़िया गांव में पानी घुसा है। बड़ौदा की अहेली नदी पुल पर 8 फुट तक पानी बहने से पानी हनुमान जी मंदिर तक पहुंच गया है। रोड किनारे लगी साइकिल के पंचर की दुकान भी पानी में डूब गई।
कलेक्टर, एसपी ने पार्वती नदी पर पहुंचकर लिया जायजा
सोमवार की रात हुई बारिश से नदी-नाले ऊफान पर आने से मंगलवार को सुबह कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव एवं एसपी सम्पत उपाध्याय ने मप्र और राजस्थान की सीमा से निकलने वाली पार्वती नदी के जलालपुरा चौकी पहुचंकर पानी के जलस्तर का जायजा लिया। साथ ही पार्वती नदी के पुल पर चल रहे पानी की हकीकत जानी। इसी प्रकार श्योपुर शहर से निकलने वाली सीप नदी पर बने बजारा डैम में पानी के बहाव को भी देखा। इस दौरान उन्होंने अधिकारी- कर्मचारियों को पानी के बहाव पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए।
जिले भर में हुई 47.6 एमएम बारिश
श्योपुर जिले में मंगलवार सुबह 8 बजे तक 47.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि 1 जून से 27 जुलाई तक 236. 02 एमएम बारिश हुई है। इसमें श्योपुर में 26 एमएम, बड़ौदा में 40 एमएम, कराहल में 157 एमएम, विजयपुर में 15 एमएम, वीरपुर में बारिश नहीं हुई है।