Kuno National Park सुरेश वैष्णव, श्योपुर। साल 2022 में चीता प्रोजेक्ट से श्योपुर को देश-दुनिया में एक नई पहचान मिली है। ऐसे में उम्मीद है कि नए साल 2024 में श्योपुर जिला अब इसी चीता की रफ्तार से विकास के पथ पर दौड़ेगा। कूनो उत्सव शुरू होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। दिसंबर में 500 से अधिक देश विदेश के पर्यटक कूनो की सैर कर चुके हैं।
कूनो उत्सव शुरू होने से श्योपुर मध्य प्रदेश के पर्यटन का नया प्रवेश द्वारा बनेगा। तीनों अभयारण्य को मिलाकर टूरिस्ट सर्किट बनने से स्थानीय लोगों को होटल, ट्रेवल्स, टूरिस्ट गाइड के साथ रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। अभी तक पर्यटक राजस्थान के सवाईमाधोपुर रणथंभौर में बाघ देखकर वापस लौट जाते हैं, लेकिन कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीते आने और इस साल कूनो उत्सव शुरू के बाद पर्यटक आकर्षित होंगे। ऐसे में श्योपुर जिला मध्य प्रदेश के पर्यटन का एक नया प्रवेशद्वार भी बन सकेगा।
बता दें कि, कूनो नेशनल पार्क रानीपुरा में कूनो उत्सव के तहत टेंट सिटी तैयार की गई है। इस उत्सव का शुभारंभ 17 दिसंबर से हो गया है। कूनो उत्सव शुरू होने के बाद 500 से अधिक पर्यटक घूमने आ चुके हैं। इस महोत्सव के शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन संभावनाए बढ़ गई है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पास बसाई गई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस टैंट सिटी में पर्यटक लग्जरी ग्लेम्पिंग का आनंद ले रहे हैं। साथ ही पर्यटक हाट एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, जंगल सफारी जैसी गतिविधियों से खुद को रोमांचित हो रहे हैं।
कूनो फारेस्ट रिट्रीट न केवल प्रकृति की कच्ची और अदम्य सुंदरता में लिपटा एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, बल्कि आसपास के कई आश्चर्यों को देखने की सुविधा भी प्रदान करता है। कूनो में प्रवास के दौरान देखने लायक कुछ उल्लेखनीय आकर्षण हैं। पालपुर किला घड़ी, अमेट किला, मेतोनी किला, कैर खोह और ग्रेविटी पाइपलाइन, देव खो, आमझीर, डोबकुंड, वाटरफाल और जैन मंदिर है।
कूनो में चीता आने के बाद न कूनो नेशनल पार्क श्योपुर सहित पूरे ग्वालियर-चंबल अंचल नया पर्यटन हब बन गया है। यही नहीं कूनो में चीते आने के बाद अप्रत्यक्ष रूप से देश में एक बड़ा और नया टूरिज्म कारिडोर भी बन गया है। जिसकी अहम कड़ी कूनो नेशनल पार्क रहेगा। पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थलों को निहारने के साथ ही इको टूरिज्म के रूप में देश के सबसे बड़े चीता, बाघ, घडियाल और पक्षियों के आधा दर्जन अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान देखने को मिलेंगे।
इस कारिडोर में दिल्ली से प्रवेश करने वाला पर्यटक आगरा के ताजमहल और अन्य स्थलों को निहारने के बाद भरतपुर के केवलादेव पक्षी राष्ट्रीय उद्यान, करौली का कैला देवी वन्यजीव अभयारण्य, सवाई माधोपुर का रणथंभौर टाइगर रिजर्व को देखकर ही वापस नहीं लौटेगा, बल्कि श्योपुर के रास्ते मप्र में प्रवेश करेगा और मप्र-राजस्थान बार्डर पर चंबल घडियाल सेंचुरी, श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क, शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क होते हुए झांसी, ग्वालियर और खजुराहो जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंचेगा।
कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही चीता सफारी की शुरुआत होने वाली है। यहां पर पर्यटकों के लिए सेसईपुरा में कूनो नदी क्षेत्र को शामिल कर देश की पहली चीता सफारी विकसित की जाएगी। इसका प्रस्ताव सेंट्रल जू अथारिटी आफ इंडिया के पास भेजा गया था जिसे कूनो उत्सव के पहले स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिस जगह पर ये सफारी बनाई जाएगी उसमें 124.94 हेक्टेयर वन भूमि और 56.23 हेक्टेयर भूमि राजस्व की शामिल रहेगी।
बता दे कि एक इंटरप्रिटेशन सेंटर भी तैयार किया जा रहा है। पर्यटक इसको घूमकर चीतों के विषय में जान सकेंगे ओर उनकां दीदार कर सकेंगे। इसमें कूनो नेशनल पार्क में मौजूद अन्य जानवरों, पक्षी आदि के विषय में भी पर्यटकों को बताया जाएगा। कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन जल्द ही कलेक्टर से राजस्व भूमि देने के लिए पत्र भेजेगा।