श्योपुर। पूर्व कलेक्टर के आदेश के बाद भी चंबल नहर की लाइनिंग (सीसी) के घटिया काम की जांच नहीं हो पा रही। जांच करने का जिम्मा जिन अफसरों को सौंपा गया है वह डेढ़ महीने से हाथ पर हाथ रखे बैठे है, क्योंकि सिंचाई विभाग ने जांचकर्ता अफसरों को रिकॉर्ड ही नहीं सौंप रहे हैं। इससे सिंचाई विभाग के अफसरों की नीयत पर शक होना लाजमी है।
गौरतलब है कि चंबल नहर के सीसी का काम कई सालों से चल रहा है, लेकिन श्योपुर-बड़ौदा सर्कल में 12 किमी लंबे हिस्से में सीसी का काम दो महीने पहले ही पूरा हुआ है। इस पर 26 करोड़ का खर्चा किया गया है, लेकिन काम इतना घटिया हुआ है कि हल्की-फुल्की बारिश में ही सीसी जगह-जगह से उखड़कर बह गई। कई जगह सीमेंट-गिट्टी गायब है, सिर्फ सरिया ही नजर आ रहे हैं। करीब डेढ़ महीने पहले तात्कालीन कलेक्टर धनंजय सिंह भदौरिया स्कूलों का निरीक्षण करने जा रहे थे उसी समय जब वह आसीदा के पास नहर से गुजरे तो नहर की उखड़ी सीसी देख भड़क गए। कलेक्टर ने मौके पर ही पीडब्ल्यूडी ईई किशन वर्मा और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के जीएम आरए कौशिक को जांच का जिम्मा सौंप दिया। जिम्मेदारी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी ईई और पीएमजीएसवाय के जीएम ने सिंचाई विभाग से रिकॉर्ड तलब किया, लेकिन रिकॉर्ड नहीं मिला। करीब एक महीने पहले पीडब्ल्यूडी ईई ने नहर के निर्माण के टेंडर, वर्क ऑर्डर, एस्टीमेट, मेजरमेंट बुक सहित कुछ अन्य दस्तावेज मांगे। इस पत्र के बाद भी सिंचाई विभाग ने रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करवाया है। इस कारण नहर के निर्माण की जांच नहीं हो पा रही।
अब पिछले सप्ताह पीएमजीएसवाय के जीएम आरए कौशिक का भी तबादला हो गया। इसलिए जांच खटाई में ही पड़ती जा रही है।
कलेक्टर बोले जांच
तो करवा के रहेंगे
जिले के नवागत कलेक्टर पन्नालाल सोलंकी भी नहर के काम से संतुष्ट नहीं दिख रहे। बुधवार को नईदुनिया में प्रकाशित खबर के बाद कलेक्टर श्री सोलंकी ने कहा कि, मामला बेहद गंभीर है। इसकी जांच तो होकर रहेगी। श्री सोलंकी को जब यह बताया गया कि जांच के लिए सिंचाई विभाग ने रिकॉर्ड नहीं दिए। इस पर श्री सोलंकी ने कहा कि वह इस मामले में सिंचाई विभाग के अफसरों से बात कर, जल्द ही रिकॉर्ड जांचकर्ता अफसरों के पास भिजवाया जाएगा।
सिंचाई विभाग का रवैया हमेशा ढुलमुल
॥सिंचाई विभाग के अफसरों की नीयत हमेशा ठेकेदारों के पक्ष में दिखती है। ऐसा इसलिए क्योंकि निर्माण के दौरान ही बड़ौदा क्षेत्र में चंबल नहर की सीसी उखड़ने लगी थी। बड़ौदा क्षेत्र के किसानों से लेकर कुछ जनप्रतिनिधियों ने सिंचाई विभाग को इसकी शिकायत की। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो फोटो के साथ घटिया काम और रेता-गिट्टी की जगह निर्माण में के्रेशर की डस्ट उपयोग होने की शिकायत भी की लेकिन सिंचाई विभाग हमेशा शिकायतों की अनसुनी करता रहा। संभव है यह इसी का नतीजा है कि, बनने के दो महीने बाद ही 26 करोड़ की सीसी जर्जर हो गई।
जिम्मेदारों ने साधा मौन
॥ नहर के घटिया निर्माण को लेकर कलेक्टर से लेकर कई अफसर चिंतित हैं। श्योपुर के विधायक दुर्गालाल विजय इस मामले में सिंचाई मंत्री जयंत मलैया से शिकायत करने और आगामी विधानसभा सत्र में उठाने की बात कर रहे है। दूसरी तरफ सिंचाई विभाग के अफसर इस मसले पर कोई बात करना नहीं चाहते।
॥ बुधवार को नईदुनिया संवाददाता ने सिंचाई विभाग के ईई एबी शर्मा के मोबाइल नंबर 98260-49046, उनके दफ्तर के लैंडलाइन फोन 07530-222532 व घर के नंबर 07530-222533 पर कई बार कॉल किया। उनके पर्सनल नंबर पर मैसेज भी किया, लेकिन सिंचाई विभाग के ईई ने कोई जवाब नहीं दिया।
हां पूर्व कलेक्टर ने जांच का जिम्मा मुझे और पीएमजीएसवाय के जीएम को दिया था। हम कई बार सिंचाई विभाग से रिकॉर्ड मांग चुके है। एक महीने पहले तो इसके लिए पत्र भी लिख दिया, लेकिन कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। बिना रिकॉर्ड के कैसे और क्या जांच करें। वैसे अब पीएमजीएसवाय के जीएम का भी ट्रांसफर हो गया।
-किशन वर्मा ईई, पीडब्ल्यूडी श्योपुर
हनहर में सीसी का काम घटिया हुआ है। इसकी शिकायत सिंचाई मंत्री से करूंगा। आगामी विधानसभा सत्र में भी मामला उठाया जाएगा। फिलहाल नहर में पानी छुड़वाना जरूरी है, इसलिए पूर्व कलेक्टर द्वारा बनाई गई समिति द्वारा ही जल्द से जल्द जांच करवाने के प्रसास किए जा रहे हैं।
-दुर्गालाल विजय,विधायक, श्योपुर