मुरैना (नप्र)। कूनो नेशनल पार्क से निकली मादा चीता वीरा बीते 10 दिन से मुरैना के जंगलों में विचरण कर रही है, जो अब रिहायशी बस्ती के पास भी पहुंचने लगी है। चीता ने ग्रामीणों की दो बकरियों का भी शिकार कर लिया है, जिससे जौरा क्षेत्र के कुछ गांवों में ग्रामीण डरे-सहमे हुए हैं।
24 मार्च को मादा चीता वीरा और नर चीता पवन श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकल गए थे। इन्हें मुरैना के पहाड़गढ़ के ईश्वरा महादेव के जंगलों में देखा गया था। नर चीता पवन तो लौटकर कूनो में पहुंच गया, लेकिन मादा चीता वीरा पहाड़गढ़ से आगे निकलकर धानाकुंआ, चांचुल होते हुए जौरा के पगारा के जंगल तक आ गई।
तीन दिन पहले कुंगरपुर गांव के बाहर देखा गया। दो दिन पहले चीता काशीपुर गांव के पास और फिर शीतला माता मंदिर के पास जंगल में घूमता हुआ दिखा। अब यह चीता नरहेला क्षेत्र के डगियापुरा के पास और गांव के हनुमान मंदिर से महज 500 मीटर दूर तक आ गया है। दो दिन में मादा चीता ने ग्रामीणों की एक बकरा व एक बकरी का शिकार कर लिया है। इससे पहले पहाड़गढ़ के जंगल में नीलगाय का शिकार किया था। गांवों के पास पहुंची वीरा सुनसान स्थान पर दोपहरी में छांव में आराम करते और सुबह-शाम के समय विचरण करते हुए दिखाई दे रही है।
वन विभाग की छह सदस्यीय टीम उस पर निगरानी रखे है। कहीं कोई ग्रामीण या अन्य जानवर चीता पर हमला न कर दे, या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करे, इसके लिए वन विभाग की टीम गांवों में लोगों को समझाइश भी दे रही है कि कोई भी चीता के पास न जाए उसे नुकसान न पहुंचाएं। चीता चीता किसी इंसान पर हमला नहीं करते। टीम इस प्रयास में है कि बिना रेस्क्यू के मादा चीता खुद ही कूनो लौट जाए।