Sheopur News: मनोज श्रीवास्तव, श्योपुर नईदुनिया। मध्य प्रदेश के शिवपुरी के माधव नेशनल, श्योपुर के कूनो-पालपुर और राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व को मिलाकर पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (डब्ल्यूएलआइआइ) ने भी इसमें रुचि दिखाई है। इसके तहत राजस्थान के रणथंभौर से माधव नेशनल पार्क तक वन्यजीवों के आने-जाने के लिए कारिडोर भी तैयार करने की तैयारी है। कूनो पार्क के अधिकारियों का मानना है कि तीनों पार्को को मिलाकर पर्यटन सर्किट बनने से संबंधित जिलों के लोगों को भी लाभ होगा।
संबंधित जिला प्रशासन मप्र और राजस्थान सरकार से मंजूरी के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मंजूरी के बाद प्रस्ताव केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेजा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक पार्को की जोड़ने की कवायद सवाई माधोपुर के कलेक्टर राजेंद्र सिंह ने की। इस संबंध में वे शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार और श्योपुर कलेक्टर शिवम वर्मा से भी मुलाकात कर चुके हैं। इसमें तय हुआ है कि सर्किट इस तरह तैयार किया जाए कि रणथंभौर आने वाले पर्यटक श्योपुर के कूनो और शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में वन्यजीवों का दीदार करने के साथ ही आसपास के पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक पहुंच सकें।
ऐसे तैयार हाेगा पर्यटन सर्किटः सवाई माधोपुर में टाइगर रिजर्व के अलावा रणथंभौर दुर्ग, चौथ का बरवाड़ा, शिवाड़, खंडार, कुशालीपुरा के वाइल्ड लाइफ और धार्मिक स्थल पर्यटकों को लुभाते हैं। शिवपुरी में चांदपाठा, महाराज की छतरी, भदैया कुंड हैं। श्योपुर में पालपुर किला, डोबकुंड, चंबल सेंक्चुरी, मानपुर में रामेश्वर धाम, रघुनाथपुर के कतन्नीपुरा गांव में कछुआ-घड़ियाल का निश्चेना केंद्र, धोरहट सरकार मंदिर, श्योपुर किला, बंजारा डैम भी हैं, जिन्हें सर्किट के साथ जोड़ा जाएगा।
श्योपुर इसलिए होगा मुफीदः श्याेपुर से रणथंभौर नेशनल पार्क 55 किमी दूर है। यहां से 110 किमी दूर पक्षियों के लिए कैलादेवी वन्य जीव अभयारण्य है। श्योपुर से कोटा की दूरी 110 किमी है। दिल्ली से जयपुर होते हुए श्योपुर की दूरी 450 किमी है। जयपुर, ग्वालियर में हवाई सेवा भी उपलब्ध है।
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वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने माधव, कूनो और रणथंभौर के बीच कारिडोर बनाने में रुचि दिखाई है। इससे वन्यजीव बिना किसी व्यवधान के एक पार्क से दूसरे पार्क में आ-जा सकेंगे। श्योपुर जिला प्रशासन सवाई माधोपुर प्रशासन से बातचीत के बाद प्रस्ताव तैयार करने पर सहमत है। इसे जल्द ही राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
पीके वर्मा, डीएफओ, कूनो-पालपुर नेशनल पार्क