सोंईकलां (नईदुनिया न्यूज)। सोंईकलां में कोट धूनी ठंडी करने के उपलक्ष्य में श्रीश्री 108 बालक दास महाराज के सानिध्य में बोंण के बालाजी पर श्रीमद् भावगत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के चौथे दिन बुधवार को पंडित प्रमोद शास्त्री (सोंईकलां वालों) ने वामन अवतार एवं प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई।
वामन अवतार एवं प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाते हुए पंडित प्रमोद शास्त्री ने कहा कि राजा बलि को यह अभिमान था कि उसके बराबर एवं समर्थ इस संसार में कोई नहीं है। भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया। भिक्षा मांगने राजा बलि के पास पहुंच गए। अभिमान से चूर राजा ने वामन को उसकी इच्छा अनुसार दक्षिणा देने का वचन दिया। वामन रूपी भगवान ने राजा से दान में तीन पग भूमि मांगी। राजा वामन का छोटा स्वरूप देख हंसा और तीन पग धरती नापने को कहा। इसके बाद भगवान ने विराट रूप धारण कर एक पग में धरती-आकाश और दूसरे पग में पाताल नाप लिया। और राजा से अपना तीसरा पग रखने के लिए स्थान मांगा। भगवान का विराट रूप देखकर राजा का घमंड टूट गया और वह दोनों हाथ जोड़कर प्रभु के आगे नतमस्तक होकर बैठ गया। राजा ने तीसरा पग अपने सिर पर रखने की प्रार्थना की। 11 बजे से शाम 4 बजे तक चली रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिनिदि बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने पहुंच रह हैं। कथा का 12 जून को भंडारे के साथ समापन किया जाएगा।