शिवपुरी। इसे लापरवाही की इंतहा कहें या कभी प्रदेश का नंबर वन अस्पताल का तमगा हासिल करने वाले जिला अस्पताल की दुर्दशा कि अस्पतालों में आग लगने के दर्जनों मामले सामने आने के बावजूद यहां अस्पताल में आग से सुरक्षा के लिए अधिकारियों के कमरों से लेकर वार्डो में लगे अग्निशमन यंत्र किसी काम के नहीं है। तकनीकी रूप से उनकी क्षमता एक्सपायरी डेट निकलने के बाद समाप्त हो चुकी है और वह सिर्फ शोपीस के रूप में दीवारों पर टंगे हुए हैं। हैरानी ये है कि प्रदेश से लेकर देशभर के अस्पतालों में अग्निकांड के कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं जिसमें कई लोगों की जानें भी जा चुकी है हर हादसे के बाद गाइडलाइन जारी तो होती है और सुरक्षा के दावे किए जाते हैं मगर शिवपुरी में सुरक्षा के दावे अस्पताल की दीवारों पर टंगे नजर आ रहे हैं।
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यहां भी कई बार लग चुकी है आग
बात अगर जिला अस्पताल की करें तो यहां शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाएं कई बार घट चुकी है, इसके बावजूद जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के चेंबर के बाहर टंगे अग्निशमन यंत्र सहित मेटरनिटी वार्ड, मेडिकल वार्ड, चिल्ड्रन वार्ड, सर्जिकल वार्ड, के अग्निशमन यंत्र बीते महा एक्सपायर हो चुके हैं अग्निशमन यंत्रों को देखने के लिए किसी भी अधिकारी के पास वक्त नहीं है। ऐसे में आपातकाल जैसी स्थिति में अस्पताल के पास अग्निशमन यंत्र उपलब्ध भी नहीं हैं ।बता दे अभी बीते दिन अस्पताल के कुछ अधिकारियों ने स्टाफ को उन्हीं अग्निशमन यंत्र से ट्रेनिंग भी दी है, शायद उस समय भी उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
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ये बोले जिम्मेदार
-हमारे यहां अग्निशमन यंत्र पर्याप्त मात्रा में है, और इन्हें समय-समय पर रिफिल भी करा रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाली कोई बात नहीं है। जहां तक आप बता रहे हैं वहां दिखावा कर उन्हें चेंज करवा देते हैं।
डॉ आरके चौधरी
सिविल सर्जन जिला अस्पताल