.webp)
नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। श्योपुर जिले में पार्वती नदी और नालों में आई बाढ़ का पानी उतरने के बाद इसका जानलेवा रूप सामने आया है। अमल्दा गांव में खेत में चाचा-भतीजे के शव मिले। बुधवार दोपहर राजू यादव (40) भतीजे शिवम (16) के साथ खेत पर पाइप लाइन को बहने से बचाने के लिए गए थे, इसी दौरान में खेत में पहुंचे पार्वती नदी के बहाव में बह गए। गुरुवार सुबह 6 बजे दोनों के शव नदी किनारे खेत में एक-दूसरे से लिपटे हुए मिले।
वहीं, 50 वर्षीय चरवाहे बनवारी जाटव अपनी भैंस को बहते नाले से निकालने उतरा था, उसका भी शव मिल गया। शिवपुरी में सिंध नदी में उफान से आई बाढ़ से के ग्राम पचावली में बर्बादी का मंजर नजर आया। यहां आधा सैकड़ा परिवार बेघर हो गए हैं। हालांकि पानी उतरने से कई रास्तों पर आवागमन चालू हो गया है। मुरैना में तीन दिन से लगातार उफनती जा रही चंबल नदी का जलस्तर गुरुवार शाम से घटना शुरू हुआ है।
खतरे के निशान 138 मीटर से 4.60 मीटर ऊपर पहुंचने के बाद इसका रौद्र रूप शांत हुआ, जिससे इसकी चपेट में आए 91 गांवों के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, कई गांव अभी भी टापू बने हैं, जहां से लोगों को निकालने का काम गुरुवार को भी आपदा प्रबंधन की टीमें करती रहीं।
इसे भी पढ़ें... IPS Transfer in MP: वरुण कपूर डीजी जेल बने, शाहिद अबसार को एडीजी चयन एवं भर्ती की जिम्मेदारी