किसान परेशान होने के साथ ही कर रहे शिकायत, कंपनी नहीं दे रही ध्यान
बल्देवगढ़(नईदुनिया प्रतिनिधि)।
वर्ष 2019 में तहसील अंतर्गत बान सुजारा बांध का करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण किया गया था, जिसमें 30.99 किलोमीटर की खुली नहर का निर्माण किया गया था, जिससे 183 गांव के किसानों की 75 हजार एकड़ जमीन सिंचित होनी थी। फिलहाल ओपन नहर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी चेन्नाई की एक कंपनी को दी गई है, लेकिन उक्त कंपनी द्वारा ओपन नहर की साफ -सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है।
नजदीकी ग्राम कुलगुवां निवासी बंदू यादव ने बताया कि लगभग 31 किलोमीटर के आसपास ओपन नहर है, जिसमें कुल 40 से 50 मजदूरों को लगाकर ही नहर की सफाई कराई जा रही है और 40 से 50 मजदूर लगभग 1 किलोमीटर तक ही 1 दिन में सफाई कर पाते होंगे। लेकिन 31 किलोमीटर तक की सफाई में ऐसे तो महीनों गुजर जाएंगे, लेकिन नहर की सफाई नहीं होगी। वहीं राजाराम यादव व कल्लू यादव ने बताया कि उक्त कंपनी द्वारा नहर के ऊपरी सतह की सफाई करके खानापूर्ति की जा रही है, जबकि नहर में तीन से चार चार फुट तक काई और कचरा तथा मलवा जमा हुआ है। लेकिन एलएनटी कंपनी के कर्मचारी सफाई के नाम पर खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। किसानों ने बताया कि 15 दिनों बाद किसानों को बोनी के लिए पानी के लिए जरूरत वहीं क्षेत्र के अनेक किसानों ने बताया कि 15 से 20 अक्टूबर के बीच उन्हें सरसों, चना व मटर के लिए बोनी करते समय पानी की जरूरत पड़ेगी, लेकिन नहर की पर्याप्त साफ सफाई ना होने के चलते संभवत उन्हें समय से पानी नहीं मिल पाएगा जिससे वह बोनी में पिछड़ सकते हैं।
पूरे क्षेत्र में नहीं पहुंच रहा पानी
बान सुजारा बांध से नहरों के माध्यम से पूरे क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाए जाने की बात बांध बनाए जाने के दौरान कही गई थी। साथ ही नहर का विस्तार भी किया गया। कुड़ीला के पास एक प्लांट बनाया गया है, जहां पर तालाब नुमा पानी एकत्र करने के लिए स्थान चिंहित है। लेकिन वहां तक पानी नहीं पहुंच रहा है। साथ ही पाइप लाइन जैसी भी एक नहर बनाई गई, जिससे पलेरा क्षेत्र तक पानी भेजा जाना था। लेकिन वहां तक अभी पानी नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसानों में मायूसी छाई हुई है।
नवंबर के पहले सप्ताह में खुल सकती है नहर
बान सुजारा बांध के कार्यपालन यंत्री ने बताया कि वर्तमान में नहर खुलने का कोई कार्यक्रम नहीं है। हालांकि इस संबंध में कलेक्टर के समक्ष मीटिंग होना है। मीटिंग के उपरांत संभवतःनवम्बर माह के पहले सप्ताह में नहर खुल सकती है, जिसका लाभ निश्चित ही किसानों को मिलेगा और उन्हें खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
वर्जन
मेरे विभाग के 4 एसडीओ व इंजीनियर लगातार नहर की साफ सफाई का निरीक्षण करने में लगे हुए हैं मेरी जानकारी में नहर की साफ सफाई में कोई लापरवाही नहीं की जा रही है अगर साफ सफाई में कोई लापरवाही बरती जा रही है तो मैं उसे दिखवाता हूं और रही बात नहर खुलने की तो कलेक्टर के द्वारा मीटिंग होने के बाद संभवत नवंबर के पहले सप्ताह में नहर खोली जा सकती है।
- विष्णु प्रसाद अहिरवार, कार्यपालन यंत्री, बान सुजारा बांध परियोजना