नईदुनिया प्रतिनिधि: टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा के डा. वीरेंद्र कुमार ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज कर ली है। कांग्रेस यहां पर एक भी राउंड में आगे नहीं हाे सकी। शुरूआती आंकड़ों से भाजपा ने बढ़त बनाई और फिर रिकार्ड वोटों से जीत भी हासिल की है। कांग्रेस के पंकज अहिरवार को डा. वीरेंद्र कुमार ने इस बार रिकार्ड 403312 वोटों से चुनाव हरा दिया है। भाजपा के डा. वीरेंद्र कुमार को 715050 वोट मिले हैं। जबकि कांग्रेस के पंकज अहिरवार को यहां पर 311738 वोट प्राप्त हुए हैं। पूर्ण अस्तित्व में आने के बाद से ही यह सीट लगातार भाजपा के कब्जे में बनी हुई है।
कांग्रेस बार-बार प्रत्याशी बदलकर यहां चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है, लेकिन हर बार डा. वीरेंद्र कुमार के सामने कांग्रेस को पराजय मिल रही है। भाजपा ने शुरूआत से बढ़त बनाई। यहां पर भाजपा ने हर राउंड में बढ़त लेते हुए चुनाव को जीता। शाम करीब 5 बजे जिला निर्वाचन अधिकारी अवधेश शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी डा. वीरेंद्र कुमार को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा। वहीं 2019 में भाजपा के डा. वीरेंद्र कुमार को 672248 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस की किरण अहिरवार को 324189 वोट मिले थे।
कांग्रेस पार्टी ने इस बार लोकसभा चुनाव में टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से 43 वर्षीय युवा पंकज अहिरवार को प्रत्याशी बनाया था, जिनके सामने अनुभवी 73 वर्षीय डा. वीरेंद्र कुमार थे। कांग्रेस के युवा चेहरे ने इस बार चुनाव में काफी मेहनत की, लेकिन यह काम न आ सकी। कांग्रेस ने टीकमगढ़ लोकसभा अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार चेहरा बदला है। इसमें 2009 में वृंदावन अहिरवार को चुनाव लड़ाया, 2014 में कमलेश वर्मा चुनावी मैदान में थे, 2019 में किरण अहिरवार को चुनावी मैदान में उतारा था और 2024 में युवा चेहरा पंकज अहिरवार को मौका दिया। लेकिन इन सभी को भाजपा के डा. वीरेंद्र कुमार ने ही परास्त किया है।
वैसे तो 2014 और 2019 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही वोट शेयर बढ़ा है। लेकिन इस बार कांग्रेस का यह वोट प्रतिशत घटता हुआ नजर आया है। कांग्रेस प्रत्याशी पंकज अहिरवार को 2019 में कांग्रेस की किरण अहिरवार को मिले मतों से कम मत प्राप्त हुए हैं। जबकि भाजपा ने 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। 2024 में भाजपा को 715050 प्राप्त हुए, जिसमें 65.01 प्रतिशत वोट उन्हें मिला है। जबकि कांग्रेस को 311738 वोट प्राप्त हुए।
लोकसभा चुनाव में टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से नोट को भी 12816 वोट मिले हैं। आठवें नंबर पर नोटा का चुनाव चिंह था, जिसे 12816 मतदाताओं ने दबाया और इनमें से किसी भी प्रत्याशी को अपनी पसंद नहीं माना। कुल मिलाकर बात करें, तो यहां पर कुल 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे और भाजपा को जीत मिली। जबकि कांग्रेस प्रतिद्धंदी पार्टी रही। जबकि बसपा तीसरे नंबर पर रही। लेकिन अन्य सभी चार प्रत्याशियों में से नोटा को अधिक 12816 वोट मिले हैं। यह कह सकते हैं कि नोटा चौथे नंबर पर रहा है। नोटा को निर्दलीय प्रत्याशियों से ज्यादा वोट मिले हैं।