उज्जैन, नईदुनिया प्रतिनिधि: जयपुर के एक महामंडलेश्वर को निरंजनी अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर उसके साथ 8.92 लाख रुपये की ठगी करने का एक और मामला सामने आया है। महाकाल पुलिस ने इस मामले में अखाड़े से निष्कासित मंदाकिनी के खिलाफ केस दर्ज किया है।
सोमवार को उज्जैन के महंत ने भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया था। मंगलवार सुबह मंदाकिनी ने कीटनाशक पी लिया था, उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अखाड़ा परिषद ने उसे निरंजनी अखाड़े से बर्खास्त कर पद से हटा दिया था।
महाकाल पुलिस ने बताया कि महामडलेश्वर नर्मदाशंकर पुरी महाराज निवासी सनराइज सिटी निवारू जोटवाडा, जयपुर राजस्थान ने शुक्रवार को महाकाल पुलिस में शिकायत की थी कि निष्कासित महामंडलेश्वर मंदाकिनी उर्फ ममता जोशी ने निरंजनी अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा दिया था। उसके बाद अलग-अलग मौके पर कुल 8.92 लाख रुपये आनलाइन ट्रांसफर करवा लिए।
नर्मदाशंकर महाराज ने इस संबंध में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज से भी शिकायत की थी। उसके बाद उन्हें एफआइआर दर्ज करवाने के लिए महाकाल थाने भेजा गया था। पुलिस ने मंदाकिनी व उसके सहयोगी अश्विनी चौधरी निवासी हरिद्वार के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 व 34 के तहत केस दर्ज किया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री मंहत रवींद्र पुरी महाराज व अन्य संतों ने भी महाकाल थाने में आवेदन दिया है। इसमें उल्लेख है कि निष्कासित महामंडलेश्वर मंदाकनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने निरंजनी अखाड़े के नाम से उज्जैन व बाहर के कई लोगों से धोखाधडी, ठगी व प्रलोभन देकर रुपये लिए है। 14 से 19 अप्रैल के बीच यज्ञ आयोजन के नाम पर श्री पंचायती निरजनी अखाड़ा बड़नगर रोड उज्जैन के लेटर पेड अवैधानिक रूप से प्रयुक्त किया गया।
मंहत सुरेश्वारान्द पुरी को महामडलेश्वर बनाने का झांसा देकर साढ़े सात लाख रुपये ठगने के अलावा कथा वाचक भगवान बाबू से एक लाख रुपये ऐंठ लिए। आयोजन के लिए लगाए गए डोम, पांडाल, लाइट एंड साउंड, यज्ञकर्ता पंडित सहित अन्य लोगों से काम करवाकर उन्हें भुगतान नहीं किया, इसलिए कई लोग श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी बड़नगर रोड पहुंच रहे हैं।
एफआइआर में उल्लेख है कि मंहत सुरेश्वरानंद द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाने के बाद 7 मई को श्री पंचायती निरंजनी अखाडा एवं स्थानीय संत मंडल द्वारा कथित मंदाकनी पुरी को महामंडलेश्वर पद व अखाड़ा से निष्कासित कर दिया है। अखाड़े के साधु-संतों का कहना है कि इससे बौखलाकर मंदाकिनी श्री पंचायती निरंजन अखाडे के वरिष्ठ महामंडलेश्वरों साधुगणों पर अनर्गल आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही है। अखाड़ा के मंहत के द्वारा दर्ज करायी एफआइआर को वापस लेने के लिए दबाव बना रही है।