Adhik Maas 2023: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पंचांगीय गणना के अनुसार 19 साल बाद आए श्रावण अधिकमास में देशभर के श्रद्धालु धर्मधानी उज्जैन में सप्तसागर, नौ नारायण तथा चौरासी महादेव की यात्रा कर रहे हैं। अलसुबह से शाम तक नौ नारायण मंदिरों में आस्था उमड़ रही है। 16 अगस्त को अधिक मास का समापन होगा। उज्जैन में नौ नारायण की अलग-अलग मान्यता है।
शहर में ढाबा रोड, कार्तिक चौक, क्षीरसागर, अंकपात आदि स्थानों पर भगवान श्री नारायण के मंदिर है। श्री चतुर्भुज नारायण, लक्ष्मी नारायण, अनंतनारायण, पद्म नारायण आदि प्रमुख मंदिरों में शामिल है। प्रतिदिन भगवान का विशेष शृंगार व आरती की जा रही है। पं.दीपक पांडे ने बताया चतुर्भुज नारायण के दर्शन करने प्रतिदिन सैकड़ों भक्त पहुंच रहे हैं।
अधिक मास में उज्जैन में स्थित सप्त सागरों के दर्शन व पूजन की मान्यता है। ज्योतिर्विद पं.हरिहर पंड्या के अनुसार प्रत्येक सागर पर अलग-अलग दान की महिमा बताई गई है।
- रुद्रसागर : यहां बैल फल व नमक का दान किया जाता है।
- क्षीर सागर : यहां खीर से भरे पात्र का दान किया जाता है।
- गोवर्धन सागर : यहां गेहूं, गुड़ व लाल वस्त्र के दान का विधान है।
- विष्णु सागर : यहां भगवान विष्णु की मूर्ति, आसन, गोमुखी माला, पंचपात्र व धर्मग्रंथ का दान होता है।
- रत्नाकर सागर : यहां सौभाग्य के अलंकरण का दान किया जाता है।
- पुष्कर सागर : यहां पीला वस्त्र, पीला अन्न तथा स्वर्ण का दान किया जाता है।
- पुरुषोत्तम सागर : यहां कांसे के पात्र में 35 मालपुआ रखकर दान करने का विधान है। लाल वस्त्र भी चढ़ाया जाता है।