उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में प्रबंध समिति को चुनौती देने का मामला सामने आया है। एक संगठन ने मंदिर में प्रवेश के लिए नियमित दर्शनार्थियों को कार्ड जारी कर दिए हैं। मामले में कार्रवाई के बजाय मंदिर प्रशासन सफाई देते फिर रहा है। मंदिर के जनसंपर्क कार्यालय ने प्रशासक के हवाले से बयान जारी कर मीडिया को बताया कि यह कार्ड मंदिर प्रशासन ने जारी नहीं किए हैं।
महाकाल मंदिर में आए दिन नए घटना क्रम सामने आते हैं। ताजा मामला एक भक्त मंडल से जुड़ा है। संगठन ने प्रबंध समिति को चुनौती देते हुए नियमित दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश के लिए अपनी ओर से कार्ड जारी कर दिए हैं। जबकि मंदिर समिति द्वारा ऐसे किसी भी श्रद्धालुओं को कार्ड जारी नहीं किए गए हैं।
मंदिर समिति ने उक्त कार्ड की जो तस्वीर मीडिया को जारी की है उस पर श्री महाकालेश्वर मंदिर नित्य दर्शनार्थी भक्त परिवार उज्जैन लिखा हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि मंदिर में ऐसे कोई भी व्यक्ति प्रवेश के लिए कार्ड कैसे जारी कर सकता है।
बताया जाता है कुछ सालों पहले भी एक व्यक्ति ने मंदिर में प्रवेश के लिए अपनी ओर से कार्ड जारी कर दिए थे। उस समय तत्कालीन प्रशासक आनंद शर्मा ने संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया था।
महाकाल मंदिर समिति ने उज्जैन के लोगों के लिए अवंतिका द्वार की स्थापना की है। बताया जाता है इसके बावजूद नियमित दर्शनार्थी गेट नं.4 से मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जब समिति ने उज्जैन के लोगों के लिए एक अलग द्वार बना दिया है।
नियमित दर्शनार्थी भी उज्जैन के रहने वाले हैं फिर इस विशेष द्वार से वे मंदिर में प्रवेश क्यों नहीं कर रहे हैं। अवंतिका द्वार की स्थापना के बाद नियमित दर्शनार्थी को दी जा रही विशेष सुविधा का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। फिर संगठन विशेष ने किस द्वार से प्रवेश के लिए यह कार्ड जारी किए हैं।