नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बुधवार को केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की के विशेषज्ञों ने मंदिर की मजबूती का परीक्षण किया। विशेषज्ञ परिसर स्थित अन्य मंदिरों की भी जांच करेंगे। इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। बता दें वर्ष 2019 से मंदिर के स्ट्रक्चर की नियमित जांच कराई जा रही है। मंदिर के पत्थरों की प्रेशर जांच भी हो चुकी है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए सारिका गुरु ने वर्ष 2017 में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। कोर्ट के निर्देश पर आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई), जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (जीएसआई) तथा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्था (सीबीआरआई) रुड़की के विशेषज्ञ वर्ष 2019 से लगातार ज्योतिर्लिंग के क्षरण तथा मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में भी विशेषज्ञों ने जांच की थी।
मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की टीम को मंदिर समिति ने पत्र लिखकर बुलाया है। समिति की मंशा महाकालेश्वर मंदिर के साथ परिसर स्थित सभी मंदिरों को अनादिकाल तक चिरस्थाई रखने की है।
इसलिए इनके रखरखाव की एक विस्तृत योजना बनाई जा रही है। हम इस कार्य को किस प्रकार कुशलता व उच्च गुणवत्ता से कर सकते हैं विशेषज्ञों से इसका सुझाव लिया जाएगा। दल के सदस्य मजबूती का परीक्षण करेंगे।