
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बुधवार को परंपरा का पालन सुनिश्चित कराने के लिए मंदिर के पुजारी व साधु के बीच विवाद हो गया। गर्भगृह में शुरू हुआ विवाद मंदिर के बाहर तक पहुंच गया। बताया जाता है कि इस दौरान साधु ने पुजारी को अपशब्द कहे, इससे नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
घटना बुधवार सुबह आठ बजे के आसपास की है। बताया जाता है कि उस समय महाकाल मंदिर के पं. महेश पुजारी गर्भगृह में मौजूद थे। इस दौरान महावीरनाथ पुरोहित नीरज शर्मा के साथ गर्भगृह में जल चढ़ाने आए। पुजारी ने साधु से मंदिर की धर्म परंपरा का पालन करते हुए पगड़ी नहीं पहनकर आने का आग्रह किया।
इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। मामले में महंत योगी महावीर नाथ ने मंदिर समिति के आला अधिकारियों को पुजारी के खिलाफ आवेदन दिया है। पुजारियों ने भी मंदिर की धर्म परंपरा का पालन कराने के लिए प्रशासक को आवेदन दिया। पुजारियों ने कहा कि मंदिर के नियमों तथा गर्भगृह की मर्यादा का पालन होना चाहिए।
महंत योगी महावीर नाथ ने बताया नाथ संप्रदाय की अपनी परंपरा है। इसमें पगड़ी तथा विशेष भगवा वस्त्र धारण करना अनिवार्य है। नाथ संप्रदाय की वेशभूषा में वे पहले भी भगवान महाकाल के दर्शन करने जाते रहे हैं। बुधवार को पुजारी ने उन्हें अपमानित करते हुए विवाद किया।
पं. महेश पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल उज्जैन के राजा हैं। महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में आदि अनादिकाल से इसी मूलभाव के साथ भगवान की सेवा पूजा की परंपरा चली आ रही है। कोई भी व्यक्ति राजा के सामने पगड़ी, टोपी आदि पहनकर नहीं आ सकता है। अगर पगड़ी, टोपी पहनना अनिवार्य है, तो गर्भगृह के बाहर से दर्शन करें। गर्भगृह में प्रवेश की परंपरा में अस्त्र, शस्त्र, लाठी, चमड़े की वस्तुएं आदि ले जाने पर भी प्रतिबंध है।