नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन(Diwali 2024 Date)। धर्मधानी उज्जैन में हरि और हर के आंगन में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में तड़के चार बजे तथा भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में शाम को प्रदोषकाल में दीपोत्सव मनाया जाएगा।
धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार भी इसी दिन दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत माना गया है। महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर तड़के चार बजे भस्म आरती में दीपावली मनाई जाती है।
इस बार भी 31 अक्टूबर को भस्म आरती में भगवान महाकाल को तिल्ली, केसर, चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद नवीन वस्त्र धारण कराकर सोने चांदी के आभूषण से विशेष शृंगार किया जाएगा।
अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। शाम को चतुर्दशी युक्त अमावस्या के संयोग में दीपोत्सव मनेगा। देशभर के भक्त भी भगवान महाकाल के साथ सुबह रूप चतुर्दशी तथा शाम को दीपावली मनाएंगे।
दीपावली प्रदोषकाल व मध्यरात्रि में मनाया जाने वाला त्योहार है। इस बार 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल व मध्यरात्रि के समय अमावस्या की साक्षी रहेगी। इसलिए 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाना श्रेष्ठ रहेगा। - पं. आनंदशंकर व्यास, ज्योतिषाचार्य
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में दो पद्धति प्रचलित है, पहली गृह लाघवीय, दूसरी चित्रा केतकी पद्धति। गृह लाघवीय पद्धति से त्योहारों की गणना श्रेष्ठ मानी जाती है। इस दृष्टि से 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना सर्वथा उचित है। - पं.अमर डब्बावाला, ज्योतिषाचार्य