उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नानाखेड़ा बस स्टैंड पर 16 जनवरी को दो बदमाशों ने एक बस एजेंट से 200 रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर आरोपितों ने उस पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया था। गुरुवार को नगर निगम व पुलिस की टीम ने एक आरोपित के मंछामन कालोनी स्थित मकान का अवैध हिस्सा ढहा दिया। पुलिस ने बताया कि 16 जनवरी को सोहनसिंह निवासी त्रिवेणी विहार कालोनी नानाखेड़ा बस स्टैंड पर जितेंद्र उर्फ जीतू भाटी निवासी मंछामन कालोनी और राजकुमार उर्फ कालू ने 200 रुपये की मांग की थी। बदमाशों का कहना था कि प्रति बस उन्हें 200 रुपये चाहिए, सोहन ने रुपये देने से इंकार कर दिया तो आरोपितों ने उस पर चाकू से प्राणघातक हमला कर दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार को नगर निगम व पुलिस की टीम ने जितेंद्र के मंछामन कालोनी स्थित मकान का अवैध हिस्सा ढहा दिया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। एएसपी अमरेंद्रसिंह का कहना है कि दूसरे आरोपित के मकान की भी जानकारी निकाली जा रही है।
कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर युवक से 27 लाख रुपये की ठगी
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छोटा सराफा निवासी एक युवक को कुछ लोगों ने एक कंपनी के साथ जुड़कर चार लाख रुपये प्रतिमाह कमाने का झांसा दिया और उससे 27 लाख रुपये ले लिए। युवक ने सनशाइन टावर में कार्यालय भी खोला और कुछ लोगों को नियुक्त भी किया था। मगर कंपनी ने उसे रुपये नहीं दिए। दबाव बनाने पर कंपनी के छह अधिकारियों ने उसे एक लाख रुपये लौटाए और गायब हो गए। मामले में युवक की शिकायत पर नीलगंगा पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि अर्पित पुत्र सतीश अग्रवाल निवासी छोटा सराफा को लुक्यूक कंपनी द्वारा एप्लीकेशन के माध्यम से आनलाइन वेबसाइट पर विज्ञापन करने पर चार लाख रुपये प्रतिमाह देने का झांसा दिया गया था। कंपनी के डायरेक्टर शैलेंद्र उपाध्याय निवासी रेलवे कालोनी उसके भाई संतोष उपाध्याय ने फ्रेंचाइजी के नाम पर 17.70 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद अर्पित ने दस लाख रुपये खर्च कर सनशाइन टावर में कार्यालय बनाया था। इसके अलावा 50 युवकों को नौकरी पर रखा था। तीन माह तक कंपनी ने उसे रुपये नहीं दिए। इस दौरान अर्पित को पता चला कि संचालक शैलेंद्र उपाध्याय, संतोष उपाध्याय, सचिन शाह, रीमा शाह निवासी खरगोन, राजेश व शेरसिंह निवासी इंदौर के खिलाफ देवास में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। इस पर अर्पित ने दबाव बनाया तो सभी ने उसे मात्र एक लाख रुपये दिए और गायब हो गए। मामले में पुलिस ने अर्पित की शिकायत पर सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।