उज्जैन। मध्यप्रदेश की धर्मधानी उज्जैन में 5, 6 और 7 जनवरी को शैव महोत्सव होगा। इसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग के पंडे-पुजारी और प्रशासक हिंदू धर्म, संस्कृति और दर्शन पर चिंतन-मंथन करेंगे। महाकाल सहित 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियों की शोभायात्रा निकाली जाएगी और शिव पर बनाए चित्रों की प्रदर्शनी भी लगेगी। वेद अलंकरण वितरण एवं द्वादश ज्योतिर्लिंग समागम पर डाक टिकट का विमोचन भी किया जाएगा।
बुधवार को उज्जैन आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शैव महोत्सव की उद्घोषणा की। फोल्डर का विमोचन भी किया। महाकाल मंदिर सभागृह में हुए कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि तीन लोक से न्यारी उज्जैन नगरी में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का समागम होना अत्यंत ही हर्ष का विषय है।
कार्यक्रम से पहले उन्होंने ज्योतिर्लिंग महाकाल का गर्भगृह में पूजन-अर्चन किया। कोटीतीर्थ कुंड के पानी को साफ करने को लगाए आरओ प्लांट का लोकार्पण, 2 करोड़ स्र्पए से होने वाले सभामंडप नवनिर्माण कार्य का भूमिपूजन भी किया। सिंहस्थ केंद्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, मंत्री पारस जैन और स्थानीय विध्ाायक उनके साथ थे।
पंडे-पुजारियों को भेंट किया 1.45 करोड़ का चेक
महाकुंभ सिंहस्थ के दरमियान हुई महाकाल मंदिर समिति की आय का एक बड़ा हिस्सा 1.45 करोड़ स्र्पए मुख्यमंत्री ने मंदिर के पुजारी-पुरोहितों को भेंट किया। इस राशि का चेक प्रदीप गुस्र् और कुछ अन्य पुजारियों ने प्राप्त किया। यह राशि मंदिर की सेवा में लगे 16 पुजारी और 22 पुरोहितों को समान रूप से बांटी जाएगी। हर एक के हिस्से में तकरीबन 3.82 लाख स्र्पए आएंगे।
मालूम हो कि सिंहस्थ के दरमियान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था बंद रखी गई थी। पुजारी-पुरोहितों को दान-दक्षिणा से होने वाली आय का नुकसान न हो, इस लिहाज से प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह और सिंहस्थ केंद्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान ने महीनेभर की मंदिर समिति की आय का 25 फीसद हिस्सा देने की घोषणा की थी।
मंदिर की जमीन नीलाम करने का अधिकार पुजारी का, गरीब 'सुदामाओं"को दिलाएंगे घर
मंच से मुख्यमंत्री ने मंदिर की जमीन नीलाम करने का अधिकार पुजारी को दिलाने और हर गरीब 'सुदामा" को भी मकान दिलाने की घोषणा की। कहा कि हमेशा से विवाद का विषय रहा है कि मंदिर की जमीन नीलाम कौन करेगा। भगवान की पूजा का जिम्मा जिसका है वही नीलाम करे। मंदिर के पुजारी, पुरोहित संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। सरकार को गरीब 'सुदामाओं" की भी चिंता है। वह उन्हें घर दिलाएगी और उनके होनहार बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च भी उठाएगी। मंदिरों को अनुदान मिलना अगर बंद हो गया है तो समीक्षा कर वापस शुरू कराएंगे।
इंसान को खाद-बीज के लिए लोन मिल जाता है, 'भगवान" को नहीं
मुख्यमंत्री ने भगवान पर भी टिप्पणी कर दी। कहा कि विचित्र बात है कि हमारे यहां इंसान को खाद-बीज खरीदने को लोन मिल जाएगा, मगर भगवान के लिए नहीं। अब व्यवस्था बनाएंगे कि मंदिर की जमीन पर खेती करने वालों को भी बैंक से लोन मिले। ईमानदारी की बात है कि कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां पुजारी न हो तो मंदिर के पट ही नहीं खुले।
जाने की जल्दी में दिखाई दिखे सीएम, बोले- पायलट ने कहा है 4.30 बजे उड़ना है
मंदिर में मुख्यमंत्री जल्दी में दिखाई दिए। इसलिए उन्होंने न पंचामृत अभिषेक किया और न नंदी हॉल में दो पल बैठे। दो मिनट गर्भगृह में पूजन कर वे सभागृह में विकास कार्यों का लोकार्पण करने गए और फिर महाकाल प्रवचन हॉल में मंच की ओर दौड़े। मंच से कहा कि पायलट ने कहा है कि 4.30 बजे उड़ना है।
महाकाल मंदिर को स्वच्छता पुरस्कार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 3 दिसंबर को देश के पहले बाधारहित मंदिर 'महाकाल मंदिर" की समिति को स्वच्छता पुरस्कार से नवाजेंगे। ये पुरस्कार कलेक्टर संकेत भोंडवे प्राप्त करने जाएंगे। बताया कि मंदिर में अब ऐसा कोई स्थान नहीं जहां दिव्यांगजन और वरिष्ठजन आसानी से न पहुंच सके। मंदिर परिसर में सीढ़ियों के साथ रैंप का निर्माण भी किया गया है। दृष्टिहीन श्रद्धालु भी आसानी से बिना किसी की मदद के मंदिर में चलह-कदमी कर सकेंगे। इसके लिए ऐसा डिवाइस बनाया गया है, जिसकी मदद से आप जहां जाएंगे वहां के मंदिर की सूचना मिलती रहेगी।