
नईदुनिया प्रतिनिधि, मालवा-निमाड़। नए साल के प्रथम प्रभात में देवदर्शन की आस लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन, ओंकारेश्वर और नलखेड़ा पहुंच रहे हैं। दो ज्योतिर्लिंगों और मां बगलामुखी मंदिर में नव वर्ष के स्वागत की तैयारी नव्य-भव्य रूप में हो रही है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर प्रशासन ने प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था बंद कर रखी है। भीड़ बढ़ने पर नंदी हाल में भी प्रवेश बंद किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो नए साल के पहले दिन सामान्य श्रद्धालुओं के लिए शीघ्र दर्शन टिकट व्यवस्था को भी स्थगित किया जा सकता है। ओंकारेश्वर और मां बगलामुखी मंदिर में भी प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था बंद कर दी गई है।
मालूम हो कि चार दिनों में साढ़े 8 लाख लोग भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। 5 जनवरी तक 10 लाख दर्शनार्थियों के आने का अनुमान है। श्रद्धालु चारधाम मंदिर पार्किंग से शक्तिपथ के रास्ते त्रिवेणी संग्रहालय द्वार से भक्त प्रवेश करेंगे। वाहन पार्किंग के लिए चार जगह कर्कराज, भील समाज की धर्मशाला, कार्तिक मेला ग्राउंड, हरिफाटक ब्रिज के नीचे व्यस्था की गई है। भीड़ बढ़ने पर वाहन पहले भी रोके जा सकते हैं।
प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाकाल मंदिर में साल 2025 में दर्शनार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बना है। साल के आखिरी पखवाड़े में अब तक 15 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं। भक्तों को कम समय में सुविधा से भगवान के दर्शन कराए जा रहे हैं।
देशभर से आने वाले दर्शनार्थी उपलब्ध सुविधा का लाभ रहे रहे हैं। 4 दिन में 84 हजार भक्तों ने 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर भगवान महाकाल के दर्शन किए। इससे मंदिर समिति को 2 करोड़ 10 लाख रुपये की आय हुई है। इसके अलावा चार दिन में 2500 किलो लड्डू प्रसाद की बिक्री हुई है। इससे मंदिर समिति को 10 लाख रुपये से अधिक राशि मिली है।
शनिवार, रविवार की तुलना में सोमवार को दर्शनार्थियों की संख्या कम रही। दर्शनार्थियों को 25 से 30 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन हुए। कम समय में सुविधा पूर्वक दर्शन से श्रद्धालु खुश नजर आए। मंदिर प्रशासन ने दर्शन की कतार में खड़े भक्तों के लिए पेजयल आदि के इंतजाम भी कर रखे हैं।
आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा में स्थित मां बगलामुखी मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। नववर्ष पर संख्या और बढ़ने की संभावना है। मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष व तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव ने बताया कि एक सप्ताह के लिए प्रोटोकाल व्यवस्था बंद की है। एक सप्ताह बाद दर्शनार्थियों की संख्या की समीक्षा के बाद इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा।