उज्जैन। ज्योतिषियों और वास्तु शास्त्रियों का तीन दिवसीय महासम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ। पहले दिन 200 विद्वानों ने सम्मेलन में भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि शनिवार को ज्योतिष, वास्तु, अंक गणित आदि से जुड़े विभिन्ना विषयों पर मंथन होगा। वास्तु के जानकार धर्मधानी उज्जयिनी का वास्तु भी देखेंगे। इसके अलावा ज्योतिषाचार्यों नौ ग्रहों के प्रभावों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ देश में व्रत-पर्व की तिथियों और मान्यताआ को लेकर होने वाले मतभेदों अथवा संशयों पर सेमिनार होगा।
महासम्मेलन में 500 से अधिक ज्योतिष व अन्य विद्वान आएंगे। शुक्रवार को जंतर-मंतर रोड स्थित एक निजी होटल में शाम 6 बजे ध्वज वंदन के साथ महासम्मेलन की शुरुआत हुई। इसके बाद ज्योतिषियों और विद्वानों का औपचारिक परिचय हुआ।
अशोक भाटिया, पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक सहित अन्य विद्वानों ने ज्योतिष, अंक ज्योतिष, टैरोरीडिंग, हस्तरेखा आदि के बारे में विचार रखे। अतिथियों ने कहा कि उज्जैन का सूर्योदय काल देश भर के पंचांगों के लिए प्रमाणित माना जाता रहा हैं।
महाकालेश्वर का तंत्र शास्त्र में विशिष्ट स्थान है। इस मौके पर जितेंद्र शर्मा, किशनराज सारस्वत, पं.आनंदशंकर व्यास, पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक, अशोक भाटिया, रेखा मेहता, भानुमति हैदराबाद आदि मौजूद थे।
सम्मेलन आयोजक पं.दिनेश गुरुजी के अनुसार शनिवार से जन्म कुंडली, पंचाग, गोचर, वास्तु, हस्तरेखा, वैवाहिक जीवन से संबंधित विषयों पर चर्चाएं होगी। सम्मेलन का सत्र सुबह 11 बजे प्रारंभ होगा और दोपहर 2 बजे तक चलेगा।
इस दौरान 'पंचाग में फैली दुविधाओं एवं भ्रांतियों" सूर्य सिद्धांत एवं अन्य ग्रहों के अंतर और गणना विषय पर चर्चा होगी। दोपहर 2 से 3बजे तक नि:शुल्क परामर्श अरुण बंसल एवं पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक देंगे। शाम 5 से 6बजे तक औषधि चिकित्सा एवं ज्योतिष, शाम 6 से 7 बजे तक टैरो रीडिंग, हिलिंग एवं हस्तरेखा से ज्योतिषय निराकरण पर विचार विमर्श होगा। शाम को गोस्वामी बंधु मुंबई भजन संध्या में प्रस्तुति देंगे।