
Kumar Vishwas Ram Katha: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विज्ञान हमेशा अध्यात्म के पीछे ही रहा है। आज हम देखें तो हजारों वर्ष पहले जिस आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से भारत ने विश्व पर सत्ता कायम की, उसका सदैव मजाक बनाया गया। उसी अध्यात्म का लोहा आज विश्व मान रहा है।
कालिदास अकादमी में अपने-अपने राम विषय पर कवि कुमार विश्वास ने उपस्थितजनों के समक्ष यह बात कही। उन्होंने राम के उन प्रसंगों को भी स्पष्ट किया, जिसे आक्रमणकारियों ने विकृत किया। कुमार विश्वास ने बताया कि जब वे विदेश में पुत्री को छोड़ने गए थे, तो साथ में श्रीरामचरितमानस भी उसे दिया और कहा कि इसे पढ़ना। 5-6 महीने बाद जब वह वापस लंदन पुत्री के पास गए तो पुत्री ने बताया कि जिस राम ने गर्भवती पत्नी को जंगल में छोड़ दिया, उसे आदर्श कैसे बनाया जाए। इस पर कुमार विश्वास ने स्पष्ट किया कि यह सब भारत में आक्रमण करने वाले लोगों ने भारत की संस्कृति को बिगाड़ने के उद्देश्य से गलत कहानियां गढ़ी।
इस भारतीय संस्कृति को तर्कहीन लोगों की आवश्यकता नहीं है। तर्क के साथ बात करने वाले लोगों की आवश्यकता है। विश्वास ने कहा कि पिता अपने पुत्रों की हमेशा गलती को भूल जाता है। इसका उदाहरण इंद्र के पुत्र द्वारा कौए के रूप में सीता को चोट मारने की कथा के रूप में बताया। इसमें राम द्वारा सरकंडा कौए को मारने के लिए छोड़ा गया और बाद में कौए की गलती को राम भूल गए। लेकिन जब उन्हें पता चला कि कौए के पीछे उन्होंने ही रामबाण छोड़ा है तो कौए को बताया कि इस बाण के नुकसान को झेलना पड़ेगा। भगवान राम जंगल-जंगल घूमकर लौटे तो अवध पति बने।